टीम इंडिया (India Cricket team) के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंदर सहवाग (Virender Sehwag) ने 1999 में पाकिस्तान (Pakistan Cricket team) के खिलाफ मोहाली में अपने वनडे डेब्यू को याद किया और बताया कि विरोधी टीम से उन्हें जमकर गालियां सुनने को मिली थी।
सहवाग तब सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे और केवल एक रन बनाकर आउट हो गए थे। शोएब अख्तर ने सहवाग को आउट किया था।
सहवाग ने आरजे रौनक से उनके यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कहा, 'मैं कोई 20-21 साल का था। जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो शाहिद अफरीदी, शोएब अख्तर, मोहम्मद युसूफ और सभी पाकिस्तानी टीम सदस्यों से गालियों के साथ मेरा स्वागत किया। मुझे कुछ गालियों के मतलब भी नहीं पता हैं।'
सहवाग ने आगे बताया कि उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि यह उनका पहला मैच था और करीब 20-20 हजार लोग मैच देख रहे थे।
वीरू ने आगे कहा, 'मगर जब टीम में मेरी जगह पक्की हो गई तो मैंने तिहरा शतक जमाकर सभी गालियों का जवाब दे दिया और अपना बदला लिया। इसी कारण जब भी भारत का पाकिस्तान से मैच होता है तो अब भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।'
वीरेंदर सहवाग ने सबसे खतरनाक गेंदबाज का नाम बताया
वीरेंदर सहवाग ने इसी कड़ी में बताया कि उन्हें अपने करियर में सबसे मुश्किल गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन लगे। सहवाग ने आरजे रौनक को बताया, 'सबसे खतरनाक गेंदबाज, जिसका मैंने सामना किया, जिसने मुझे सबसे ज्यादा डराया, वो है मुथैया मुरलीधरन। 2001-07 के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मुरली को संभालने में मुझे सात-आठ साल लग गए। जब भी मैं श्रीलंका के खिलाफ खेलता था, तो हमेशा मुरली का डर लगता था।'
सहवाग ने कहा कि अगर आज भी उन्हें श्रीलंकाई स्पिनर का सामना करना पड़े तो उनकी नींद उड़ जाएगी। पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि मुरलीधरन की गेंदों को पढ़ना आसान नहीं और उन्हें तेंदुलकर ने बताया कि किस तरह स्पिनर की गेंदबाजी को समझे।
सहवाग ने कहा, 'अगर आज भी मुझे मुरली का सामना करना पड़े तो रात को नींद नहीं आएगी। उनका एक्शन इतना खतरनाक है कि मुझे समझ नहीं आता, कब गेंद ऑफ स्पिन होगी और कौन सी दूसरा होगी। एक बार सचिन तेंदुलकर ने मुझे कहा था कि जब मुरली का हाथ ऊपर था, तो अंगूठा दिखता है। अगर अंगूठा दिख गया तो उसकी दूसरा को समझ जाओगे।'