भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) पहले ही ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के साथ एडिलेड में पिंक-बॉल ms टेस्ट मैच खेल चुकी है। अब दोनों टीमें सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में "पिंक टेस्ट" (Pink Test) खेलेंगी। अब आप सोच रहे होंगे कि भारतीय टीम एक डे-नाईट टेस्ट मुकाबला खेल चुकी है तो क्या दूसरी बार दोनों टीमों के बीच पिंक बॉल से मैच खेला जाएगा ? जी नहीं ऐसा नहीं है। दरअसल सिडनी में खेलने वाले टेस्ट मैच को "पिंक टेस्ट" कहा जाता है और इस मैच में होम टीम एक अच्छे काम के लिए "पिंक कैप" पहनती है। सिडनी में खेले जाने वाले टेस्ट मैच को पिंक टेस्ट क्यों कहा जाता है, ये सवाल आपके मन में उठ रहा होगा। हम आपको बताते हैं कि क्यों इसे पिंक टेस्ट नाम दिया गया है और कंगारू टीम गुलाबी टोपी क्यों पहनती है।दरअसल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया पिछले 12 साल से पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा के चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन को सपोर्ट कर रही है। मैक्ग्रा का ये ऑर्गेनाइजेशन ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाता है और उसके लिए फंड इकट्ठा करता है। उन्होंने इसकी स्थापना 2005 में अपनी पहली पत्नी जेन के साथ की थी। उनके सम्मान में सिडनी टेस्ट मैच के तीसरे दिन को "जेन मैक्ग्रा डे" के नाम से जाना जाता है।ये भी पढ़ें: टेस्ट क्रिकेट में 199 रन पर आउट होने वाले बल्लेबाज, कई दिग्गज शामिलपिंक टेस्ट2009 में खेला गया था पहला "पिंक टेस्ट" मैचपहला पिंक टेस्ट मैच 2009 में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया था। पिछले सीजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए पिंक टेस्ट के दौरान $1.2 मिलियन से ज्यादा फंड इकट्ठा हुआ था।भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पिंक टेस्ट मैच 7 जनवरी से खेला जाएगा। जो भी टीम इस सीरीज में जीतेगी वो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 की बढ़त बना लेगी।full details HERE: https://t.co/yvGCqa9NIG #AUSvIND— cricket.com.au (@cricketcomau) December 29, 2020ये भी पढ़ें: 3 बड़े बदलाव जो तीसरे टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में हो सकते हैं