वर्ल्ड कप 2019: 3 समस्याएं जिनको न्यूजीलैंड को सेमीफाइनल मुकाबले से पहले सुलझाना होगा

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम

लीग मैचों के अंतिम चरणों में खराब प्रदर्शन के बावजूद न्यूजीलैंड विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में (बेहतर नेट रन रेट के चलते) पहुंचने में सफल रहा। मंगलवार (9 जुलाई) को कीवी टीम भारत के खिलाफ पहले सेमीफाइन में भिड़ेगी। यह मुकाबला मैनचेस्टर में खेला जाएगा।

लीग चरण के पहले छः मैचों में न्यूजीलैंड का प्रदर्शन शानदार था। उन्होंने श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान पर शानदार जीत दर्ज की, जबकि भारत के खिलाफ उनका मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया।दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ करीबी मुकाबले में "ब्लैककैप्स" विजेता बनकर उभरी और 6 में से 5 मुकाबले जीत कर अंक तालिका में पहले स्थान पर काबिज हो गयी। लेकिन न्यूजीलैंड अपने आखिरी तीन लीग मैच पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ हार गया। अंतिम दो मैचों में तो उनकी बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप हो गई ।

कहा जाता है कि बड़े टूर्नामेंट में जीत की लय बरकरार रखना बहुत जरूरी है और तीन मैचों में लगातार हार ने कीवियों की वह लय तोड़ दी है। आइए अब हम उन तीन समस्याओं को देखें जिन्हें न्यूजीलैंड को ठीक करना है।


#3. मिचेल सैंटनर की अप्रभावी गेंदबाजी

सेैंटनर का अब तक का गेंदबाजी प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है
सेैंटनर का अब तक का गेंदबाजी प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है

टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के पास सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजी आक्रमण है। उनके तेज गेंदबाजो ने लीग चरण के दौरान 59 विकेट लिए हैं। इसके विपरीत इनके स्पिनर मिचेल सैंटनर ने सिर्फ चार विकेट लिए हैं। सेमीफाइनल शुरू होने से पहले उन्हें स्पिन की समस्या को ठीक करना होगा। सैंटनर की गेंदबाजी अप्रभावी रही है और विपक्षी टीमों ने उनकी गेंदों पर खूब रन भी बटोरे हैं।

इश सोढ़ी नॉकआउट चरणों के लिए एक बेहतर चयन हो सकते हैं। सोढ़ी अधिक आक्रमक गेंदबाज और वह एक बेहतर स्ट्राइक गेंदबाज के रूप में काम कर सकते है, इसलिए इन पर भरोसा किया जा सकता है।

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#2. केन विलियम्सन पर अधिक निर्भरता

केन विलियम्सन
केन विलियम्सन

न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी को अक्सर वन-मैन शो के रूप में उल्लेख किया जाता है। केन विलियम्सन पर टीम निश्चित रूप से अधिक निर्भर है, जिन्होंने इस विश्व कप में टीम के 30 प्रतिशत से अधिक रन बनाए हैं।

न्यूजीलैंड के परिणाम इस बात को सशक्त रूप से सिद्ध करते हैं। विलियम्सन ने दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक बनाए जिसकी बदौलत न्यूजीलैंड ने दोनों मैच जीते। लेकिन वो अगले तीन मैचों में असफल रहे (50 से कम का स्कोर) और उम्मीद के मुताबिक टीम भी विफल रही।

न्यूजीलैंड के कप्तान के आउट होते ही टीम को हर बार हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, वे 97-3 से 157 के स्कोर तक ही पहुँच पाए। इंग्लैंड के खिलाफ भी कमोबेश यही कहानी थी, ब्लैककैप्स 61-3 से बढ़कर 186 का ही स्कोर बना पाई।

अगर न्यूजीलैंड विश्व कप जीतना चाहता है तो उन्हें इस समस्या से पार पाना होगा। न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी इकाई को भारत के खिलाफ एकजुट रूप से प्रदर्शन करना होगा।

#1. ओपनिंग की समस्या

मार्टिन गप्टिल
मार्टिन गप्टिल

न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी की समस्याएं शीर्ष क्रम से ही शुरू हो जाती हैं। ग्रुप स्टेज के दौरान उनकी शुरुआती जोड़ी सबसे कम सफल रही है।

मार्टिन गप्टिल ने न्यूजीलैंड के सभी ग्रुप मैचों में भाग लिया लेकिन उनके दो अलग-अलग साथी थे। कॉलिन मुनरो गुप्टिल के पहले सहयोगी थे। उन्होंने पहले सात मैचों में केवल 125 रन बनाए और उन्हें ड्राप कर दिया गया।हेनरी निकोल्स ने मुनरो की जगह ली लेकिन वह भी दो पारियों में आठ रन के अतिरिक्त और कुछ नही कर पाए।

न्यूजीलैंड को गप्टिल को मौका देना चाहिए क्योंकि वह नॉकआउट चरण में विस्फोटक बल्लेबाजी कर सकते हैं। लेकिन दूसरे ओपनर को लेकर उन्हें अधिक स्पष्टता की जरूरत है। क्या चयनकर्ता निकोलस के साथ बने रहेंगे या वापस मुनरो के पास जाएंगे? या वे टॉम ब्लंडेल का चयन करेंगे? किसी भी तरह से, यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां वे अन्य सेमीफाइनलिस्टों से बहुत पीछे हैं।

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Edited by सावन गुप्ता
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