#2. केन विलियम्सन पर अधिक निर्भरता
![à¤à¥à¤¨ विलियमà¥à¤¸à¤¨](https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/07/ee898-15624969378903-800.jpg 1920w)
न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी को अक्सर वन-मैन शो के रूप में उल्लेख किया जाता है। केन विलियम्सन पर टीम निश्चित रूप से अधिक निर्भर है, जिन्होंने इस विश्व कप में टीम के 30 प्रतिशत से अधिक रन बनाए हैं।
न्यूजीलैंड के परिणाम इस बात को सशक्त रूप से सिद्ध करते हैं। विलियम्सन ने दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक बनाए जिसकी बदौलत न्यूजीलैंड ने दोनों मैच जीते। लेकिन वो अगले तीन मैचों में असफल रहे (50 से कम का स्कोर) और उम्मीद के मुताबिक टीम भी विफल रही।
न्यूजीलैंड के कप्तान के आउट होते ही टीम को हर बार हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, वे 97-3 से 157 के स्कोर तक ही पहुँच पाए। इंग्लैंड के खिलाफ भी कमोबेश यही कहानी थी, ब्लैककैप्स 61-3 से बढ़कर 186 का ही स्कोर बना पाई।
अगर न्यूजीलैंड विश्व कप जीतना चाहता है तो उन्हें इस समस्या से पार पाना होगा। न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी इकाई को भारत के खिलाफ एकजुट रूप से प्रदर्शन करना होगा।