वर्ल्ड कप 2019 के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड ने 5 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बना ली है। साल 1992 के बाद यह पहली बार है जब इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है।
इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम भारत को हराकर पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी है। अब 14 जुलाई को इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। खास बात यह है कि इस बार दुनिया को नया चैंपियन देखने को मिलेगा क्योंकि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड कभी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाईं हैं।
इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की लेकिन पूरी टीम 223 रन बनाकर 49वें ओवर में ही ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया की ओर स्टीव स्मिथ ने सबसे ज्यादा 85 रन बनाए। वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने के लिए इंग्लैंड की टीम को 50 ओवर में 224 रनों का लक्ष्य मिला जिसे इंग्लैंड ने 32.1 ओवर में 2 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया।
गत चैंपियन का सेमीफाइनल मुकाबले में हार जाना वाकई काफी चौंकाने वाली बात है और इस हार के बाद चर्चा होनी साधरण सी बात है। इसी कड़ी में आइए एक नज़र डालते हैं ऑस्ट्रेलिया के सेमीफाइनल मुकाबले में हारने की 3 बड़ी वजहों पर।
क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर का पहला स्पेल
वर्ल्ड कप 2019 में खेले गए लीग मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेविड वॉर्नर 600 और आरोन फिंच 500 से ज्यादा रन बना चुके थे ऐसे में सेमीफाइनल मुकाबले में उनसे एक बार फिर बड़ी पारियों की उम्मीद थी।
लेकिन इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर ने अपने पहले स्पेल में ही दोनों सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। वॉर्नर को जहां वोक्स ने 9 रन पर तो वहीं जोफ्रा आर्चर ने फिंच को शून्य के स्कोर पर आउट किया। इससे पहले की ऑस्ट्रेलिया की पारी संभलती वोक्स ने पीटर हैंड्सकॉम्ब की को आउट कर दिया। 3 बड़े विकेट गिरने के बाद ऑस्ट्रेलिया इस मुकाबले में ज्यादा रन नहीं बना सकी।
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