वर्ल्ड कप 2019 में दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है और इसकी वजह है कि कई दिग्गज खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन। अफ्रीका के कई खिलाड़ी हाल ही में काउंटी क्रिकेट खेलने की ओर ज़्यादा ध्यान लगा रहे है।
डू प्लेसी ने कहा, "क्रिकेट साउथ अफ्रीका चीजों को सही जगह पर लाने का प्रयास कर रही है। दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर्स की बात आती है तो खिलाड़ियों का दो समूह हो जाता है। टेस्ट खिलाड़ियों के लिए कोलपैक डील है तो वहीं सफेद गेंद से खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए टी-20 लीग है।"
डू प्लेसी को लगता है कि खिलाड़ी टी-20 लीग्स की तरफ ज़्यादा आकर्षित हो रहे हैं जिसका सीधा असर नेशनल टीम के प्रदर्शन पर देखने को मिल रहा है।
अफ्रीकी कप्तान ने आगे कहा, "दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट के लिए खिलाड़ियों का विदेशी लीग्स में जाना चिंता का विषय है। वनडे टीम के खिलाड़ी टी-20 लीग्स में चले जाते हैं क्योंकि उनके लिए वहीं मौका होता है। कुछ खिलाड़ी जिनका करियर समाप्त होने वाला है वे जरूर ऐसा करेंगे।
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वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के बाद टीम के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर डू प्लेसी का कहना है कि उन्हें टीम मे काफी ज़्यादा बदलाव करने की जरूरत नहीं है।
डू प्लेसी ने आगे कहा कि क्रिकेट साउथ अफ्रीका अच्छी स्थिति में है और नए क्रिकेटर्स लगातार आ रहे हैं। यदि आप पिछले 2-3 सालों में देखें तो कई युवा खिलाड़ियों ने नेशनल टीम में जगह बनाई है और उनकी संख्या पहले की अपेक्षा में ज़्यादा थी। उन्होंने कहा कि जब तक आप जीतने वाले क्रिकेटर्स पैदा करते रहेंगे तब तक कुछ भी बदले जाने की जरूरत नहीं है।
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