जब बात सुनील छेत्री की आती तो वर्तमान दौर में वो किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं क्योकिं आज फुटबाल जगत में बड़ा नाम हैं। सिकंदराबाद में जन्मे इस स्ट्राइकर ने हाल ही के दिनों में भारतीय फुटबॉल को नई ऊचाईयां दी हैं। छेत्री भारतीय टीम के कप्तान होने के साथ साथ टीम के सबसे ज्यादा कैप वाले और सबसे अधिक 94 मैचों में 54 गोल करके टॉप गोल स्कोरर हैं । 17 साल की उम्र में सुनील ने अपना फुटबॉल जीवन दिल्ली शहर में 2001 में शुरू किया। एक साल बाद ही तुरंत उनकी प्रतिभा को मोहन बागान ने समझा और उन्हें शामिल कर लिया। उस दिन से सुनील के पेशेवर फुटबॉल जीवन का आरंभ हुआ और फिर क्या था उसने कभी पीछे मुड़ के कभी नहीं देखा। सुनील ने भारतीय टीम के लिए जूनियर ओर सीनियर दोनो श्रेणियों में भी खेला है। वह अभी भारतीय टीम के कप्तान है। 2007 में उनके कम्बोडिया के विरुद्ध 2 गोलों ने उन्हे मानो जैसे उन्हे एक रात में ही हीरो बना दिया। पूरे विश्व ने उनकी प्रतिभा को देखा और उसकी सराहना की। 3 गोल एएफसी चॅलेंज कप 2008 में ताजिकिस्तान के विरुद्ध मारकर उन्होने भारत को 27 साल के बाद एशिया कप के लिए प्रवेश दिलाया। इतनी सफ़लता पाने के बाद उन्हे दूसरे देशों से फुटबॉल खेलने के लिए ऑफर आने लगे। अफवाहें यह भी थी की वो इंग्लिश प्रीमियर लीग में लिए खेल सकते हैं परंतु किसी कारणवश नहीं खेल पाए। सुनील ने 2010 में कंसास सिटी के लिए मेजर लीग सॉकर यूएसए में खेलने के लिए गये। वह तीसरे भारतीय बने जो भारत के बाहर खेलने के लिए गये हों। 2012 में उन्होंने स्पोर्टिंग क्लब डी पुर्तगाल के रिज़र्व्स टीम की तरफ से खेला। वहाँ भी उन्होने अपने अच्छे खेल से सभी के दिल को जीत लिया। स्पोर्टिंग क्लब डी पुर्तगाल के साथ अनुबंध खत्म होते ही उन्होंने बेंगलूर फुटबॉल क्लब के साथ अनुबंध कर लिया। अभी वह इस क्लब के कप्तान है और उनके खेल से टीम अभी आई-लीग के नंबर एक के खिलाड़ी हैं। उन्होने अभी तक इंडिया टीम की तरफ़ से 72 मैच में 41 गोल दाग चुके है। यह अभी तक का सर्वाधिक स्कोर है जो किसी भारतीय ने किया हो। सुनील ने भारत को 2007, 2009, 2012 में नेहरू कप जीता रखा है और 2008 में एशिया कप के लिए क्वालीफाई भी करवाया था। इसमें कोई शक नहीं है एक वह भारत के सबसे अच्छे खिलाड़ी है। अर्जुन पुरस्कार भी सुनील जीत चुके हैं। एनडीटीवी इंडिया ने उन्हें प्लेयर ऑफ द एअर का अवॉर्ड 2007 में दिया था और तीन बार वो ऐइफा प्लेयर ऑफ द एअर का अवॉर्ड भी जीत चुके है। ये सब पुरस्कार बताते हैं कि ऐसा कारनामा कोई आम खिलाड़ी नहीं बल्कि एक प्रतिभावान खिलाड़ी ही कर सकता है। निश्चित रूप से सुनील छेत्री भारत का नाम फुटबॉल जगत में आगे ले जा रहे हैं। सुनील छेत्री वर्तमान में सक्रिय फुटबॉलरों के बीच सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय गोल करने वालों में चौथे स्थान पर भी काबिज हो गए हैं। छेत्री ने अब तक 94 मैच खेले हैं। उन्होंने बेंगलुरू में 13 जून को खेले गए 2019 एशिया कप क्वालिफायर मैच में भारत की किर्गिस्तान पर 1-0 से जीत के दौरान अपना 54वां अंतरराष्ट्रीय गोल करते हुए इंग्लैंड के स्टाइकर वायने रूनी (119 मैचों में 53 गोल) को पीछे छोड़ा।