अगर हम फुटबॉल के बारे में बात करें और मन्ना का जिक्र न हो तो उनके चाहने वालों के साथ नाइंसाफी होगी, भारत की धरती में पैदा हुए मन्ना फुटबॉल की दुनिया के एक शानदार खिलाड़ी के रूप में गिने जाते हैं । वो 1948 में ओलंपिक में भाग ले रही भारतीय टीम के हिस्सा थे। इसी जादुई डिफेंडर की अगुवाई में इंडियन टीम ने 1951 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीता और इसके अलावा 1952 से 1956 तक लगातार चार साल तक चतुष्कोणीय टूर्नामेंट जीता। वे इकलौते ऐसे एशियन खिलाड़ी रहे जिन्हें विश्व के 10 बेहतरीन कप्तानों की लिस्ट में इंग्लिश फुटबॉल एसोशिएसन ने जगह दी। इस महान खिलाड़ी का जन्म 1924 में हावड़ा में हुआ और 1942 में मन्ना फेमस मोहन बागान का हिस्सा बन गए। वह 19 साल तक निरंतर टीम के लिए खेले और रिटायरमेंट के बाद 2001 ने उन्हें मोहन बागान रत्न दिया गया। मन्ना अपने फैन्स के लिए हमेशा एक स्टार प्लेयर रहे और वह सर्वकालिक महान खिलाड़ी हैं।