मैनचेस्टर यूनाइटेट को बनाने वाले ‘सर एलेक्स फर्ग्युसन’ के जाने के बाद क्लब को जोस मोर्हिनो के रूप में अब ऐसा मैनेजर मिला है जो सिर्फ जीत के इरादे से फैसले ले रहा है। मोर्हिनो के मैन यू के जुड़ने के साथ ही ऐसी उम्मीद है कि वो अब टीम को जीत की राह पर वापस लेकर आएंगे। ज्लाटन इब्राहिमोविक और पॉल पोग्बा जैसे बड़े खिलाड़ियों को साइन करने के साथ ही मोर्हिनो ने अपने इरादे साफ कर दिए थे कि वो जीत में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते। इस सीजन की शुरुआत में मैनचेस्टर का प्रदर्शन अच्छा रहा। लेकिन फिलहाल पिछले कुछ मैचों से टीम पिछड़ रही है। ऐसा माना जा रहा कि टीम में कुछ कमजोर पड़ी पोजिशंन को सही करने के लिए मोर्हिनो कई और खिलाड़ियों को साइन कर सकते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि अगर मैन्यू के कुछ खास पूर्व खिलाड़ी नए मैनेजर के साथ टीम में वापस आ जाते हैं तो उसके नतीजे क्या होंगे? इसी को देखते हुए हम यहां आपको मैन यू के उन पांच पूर्व खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें जोस मोर्हिनो हमेशा टीम में रखना चाहेंगे। #5 पैट्रिस एवरा मैनचेस्टर यूनाइटेड के मौजूदा लेफ्च-बैक पोजेशन के खिलाड़ी ‘ल्युक शॉ’ के चोटिल होने के कारण टीम की ये पोजिशन कमजोर पड़ गई है। टीम मैनेजमेंट, मोर्कोस रोजो, मैटियो दर्मियान, ऐश्ले यंग जैसे सभी खिलाड़ियों को उस पोजिशन पर खिला कर देख चुका है लेकिन कोई भी सफल नहीं रहा। हालांकि 21 साल के युवा खिलाड़ी ‘शॉ’ की चोट जल्दि भरने की उम्मीद की जा रही है, लेकिन फिलहाल उनकी जगह लेने का कोई विकल्प यूनाइटेड के पास नहीं दिख रहा। ऐसे में आप कल्पना कर सकते हैं कि इस समय अगर मैन्यू के पूर्व दिग्गज ‘पेट्रिस एव्रा’ मोर्हिनो के पास होते तो उनकी सारी परेशानी हल हो जाती। एव्रा सर एलेक्स के पसंदीदा नामों में से एक रहे हैं। मैन्यू के साथ उन्होंने सात साल बिताए। इस दौरान उन्होंने 5 प्रीमियर लीग और एक चैंपियंस लीग खिताब जीता। 2014 में वो जुवेंटस में शामिल हो गए। सर एलेक्स द्वारा यूरोप के सबसे अच्छे लेफ्ट-बैक प्लेयर कहे जाने वाले एव्रा फिलहाल 35 के हो गए हैं। लेकिन उनमें अब भी कुछ बेहतरीन फुटबॉल बाकी है। अगर मोर्हिनो के स्वॉड में वो आ होते तो मैन्यू की ताकत जरूर बढ़ेती। #4 ज़ेवियर हर्नान्डेज़ ज्लाटन इब्राहिमोविक जैसे तेर-तर्रार स्ट्राइकर के जुड़ने से यूं तो मैन्यू के अटैक में एक नई जान आई है। लेकिन आंकड़े देखें तो पिछले 14 मैचों में वो 19 गोल ही कर पाई है। इसका सीधा मतलब ये है कि ज्लाटन, टीम के फॉर्वर्ड की ताकत तो हैं लेकिन वो अकेले हैं। इस बात के लिए मोर्हिनो की डिफेंस की रणनीति को भी दोषी ठहराया जा सकता है। लेकिन, एक पहलु ये भी है कि टीम के अटैक में ज्लाटन के अवाला ऐसा कोई और खिलाड़ी नहीं हैं जो किसी भी परिस्तिथी में आकर गोल दाग सके। इस समय रेड डेविल्स को ‘जेवियर हर्नान्डेज’ जैसे किसी प्लेयर की दरकार है, जो मैच के किसी भी मोड़ पर गोल मारने की क्षमता रखता हो। मैक्सिको के इस खिलाड़ी की खासियत थी के ये मैन्यू में रहते हुए हर जरूरी मैच में टीम के लिए स्कोर करता था। अगर स्कोर नहीं भी कर पाए, तो जेवियर हमेशा शानदार चांसेज बनाने में माहिर थे। वो मैन्यू में पांच सीजन खेले। इसके बाद वो रियाल मैड्रिड में थोड़े समय के लिए शामिल हुए, लेकिन फिर बायर्न लेवरक्युसन से जुड़ गए। मोर्हिनो के लिए जेवियर जैसे खिलाड़ी को टीम में रखना किसी भी समय पर पहली पसंद होती। #3 गेरार्ड पीके मौजूदा समय में मैनचेस्टर यूनाइटेड को अपना कमजोर डिफेंस काफी सता रहा है। इसका कारण है चोट से जूझ रहे कई सेंटर-बैक और लेफ्ट-बैक पोजिशन के खिलाड़ी। इसी के चलते मोर्हिनो के स्वॉड के पास इस समय डिफेंस में कोई लीडर नहीं है। एक तरफ पिछले सीजन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्रिस स्मॉलिंग इस सीजन में फीके नजर आ रहे हैं,तो दूसरी ओर एरिक बेली शुरू में बेहतर खेल दिखाने के बाद चोट के कारण बाहर कर दिए गए। वहीं ‘ब्लाइंड’,‘रोजो’ और ‘जोन्स’ में से कोई भी सेंट्रल डिफेंडिंग पर खेलने में महिर नहीं है। ऐसे में जरा सोचिए मोर्हिनो के पास अगर ‘गेरार्ड पीके’ जैसा दिग्गज खिलाड़ी मौजूद होता तो। दुनिया के सबसे सफल डिफेंडरों में गिने जाने वाले पीके, स्मॉलिंग और बेली के साथ मिलकर दमदार दीवार की तरह जमे रहते। पीके के जबरदस्त हुनर से मोर्हिनो अपने रियाल मैड्रिड के दौर से ही वाकिफ रहे हैं। मैन्यू में रहते हुए पीके ने चार सीजन खेले थे। मौजूदा समय में हर टीम उनके जैसा सेंट्रल डिफेंडर जरूर रखना चाहेगी। #2 एंजल डी मारिया अर्जेंटीना के अनुभवी खिलाड़ी ‘एंजल डी मारिया’ का मैनचेस्टर यूनाइटेड से पुराना नाता रहा है। वो रियाल मैड्रिड से निकलकर मैन्यू में शामिल हुए। लेकिन इंग्लैंड के नाता तोड़ने की इच्छा के कारण वो फिर फ्रांस लौट गए। इस खिलाड़ी की खासियत है विंगर के तौर पर टीम के अटैक को दमदार बनाना। उन्होंने अर्जेंटीना के 2014 वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने में अहम योगदान दिया था। चूंकि डीमारिया एक बेहतरीन विंगर हैं और मैन्यू के पास इस समय इस पोजिशन के लिए कोई दमदार खिलाड़ी नहीं है, ऐसे में आप उन्हें रेड डेवल्स के लिए खेलते हुए कल्पना कीजिए। खैर इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि अगर डीमारिया मैन्यू के लिए खेलते रहते तो आज एक बहुत बड़े फुटबॉल दिग्गज होते। यहां तक कि मोर्हिनो के साथ भी उनका तालमेल अच्छा रहा है। वे रियाल के पहले खिलाड़ी थे जिन्हें मोर्हिनो ने अपने कार्यकाल में साइन किया था। मोर्हिनो के लिए ये डील फायदे का सौदा रही क्योंकि डीमारिया एक शानदार क्लब फुटबॉलर के रूप में उभरे। हम इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि अगर डीमारिया अब मोर्हिनो के साथ वापस आते, तो दोनों का आपस में तालमेल बेहतरीन रहता क्योंकि उनका खेल मार्हिनो की सोच से काफी मिलता है। #1 क्रिस्टियानो रोनाल्डो इस बात में बिलकुल भी शक नहीं है कि मौजूदा समय के इस सबसे बेहतरीन खिलाड़ी को हर क्लब अपने साथ शामिल करना चाहेगा। यही बात रेड डेविल्स के मैनेजर जोस मोर्हिनो पर भी लागू होती है। रोनाल्डो का मैनचेस्टर से बेहद खास रिश्ता रहा है। उन्हें सही मायने में यूरोपीय फुटबॉल में प्रसिद्धि मैन्यू के लिए खेलते हुए ही मिली। हालांकि जोस मोर्हिनो और रोनाल्डो के बीच थोड़ा मन-मुटाव रहा है। लेकिन अगर टीम की बात आएगी तो मोर्हिनो, रोनाल्डो को हां करने से इंकार नहीं कर पाएंगे। उसका सीधा कारण है कि इस समय रोनाल्डो अपने खेल के शिखर पर हैं। वो फील्ड पर बेहद तेज हैं, पूरे जोश में दिख रहे हैं, खेल में लगातार सुधार ला रहे हैं, शानदार लीडरशिप स्किल्स दिखा रहे हैं और गोल करने लिए आतुर हैं। पिछले सीजन में उन्होंने रियाल के लिए 50 से ज्यादा गोल मारे हैं। इस सीजन में भी इस आंकड़े को पार करते दिख रहे हैं। साथ ही इस साल फुटबॉल का सबसे बड़ा सम्मान बैलन डी’ओर जीतने के बाद उनका आत्मविश्वास काफी ऊंचा है । जरा सोचिए अगर वो मैन्यू के लिए खेलते हैं तो ज्लाटन इब्राहिमोविक और उनकी जोड़ी यूरोप की सबसे घातक अटैकिंग जोड़ी बन जाएगी।