ज्लाटन इब्राहिमोविक जैसे तेर-तर्रार स्ट्राइकर के जुड़ने से यूं तो मैन्यू के अटैक में एक नई जान आई है। लेकिन आंकड़े देखें तो पिछले 14 मैचों में वो 19 गोल ही कर पाई है। इसका सीधा मतलब ये है कि ज्लाटन, टीम के फॉर्वर्ड की ताकत तो हैं लेकिन वो अकेले हैं। इस बात के लिए मोर्हिनो की डिफेंस की रणनीति को भी दोषी ठहराया जा सकता है। लेकिन, एक पहलु ये भी है कि टीम के अटैक में ज्लाटन के अवाला ऐसा कोई और खिलाड़ी नहीं हैं जो किसी भी परिस्तिथी में आकर गोल दाग सके। इस समय रेड डेविल्स को ‘जेवियर हर्नान्डेज’ जैसे किसी प्लेयर की दरकार है, जो मैच के किसी भी मोड़ पर गोल मारने की क्षमता रखता हो। मैक्सिको के इस खिलाड़ी की खासियत थी के ये मैन्यू में रहते हुए हर जरूरी मैच में टीम के लिए स्कोर करता था। अगर स्कोर नहीं भी कर पाए, तो जेवियर हमेशा शानदार चांसेज बनाने में माहिर थे। वो मैन्यू में पांच सीजन खेले। इसके बाद वो रियाल मैड्रिड में थोड़े समय के लिए शामिल हुए, लेकिन फिर बायर्न लेवरक्युसन से जुड़ गए। मोर्हिनो के लिए जेवियर जैसे खिलाड़ी को टीम में रखना किसी भी समय पर पहली पसंद होती।