चेल्सी के लिए 2015-16 का प्रीमियर लीग सीजन एक कारण के चलते सबसे खराब रहा और वो है 'डिफेंस'। लेकिन लगभग छह महीने बाद ही 'एंटोनियो कोंटे' के मुख्य कोच बनते ही इस सीजन में, क्लब ने लगातार सात मैच जीत लिए। इन सभी जीत का सबसे बड़ा कारण रहा 3-4-3 का टीम का नया फॉर्मेशन। इसी के चलते इंग्लैंड के इस चहेते क्लब ने प्रीमियर लीग टेबल में नंबर एक का स्पॉट हासिल कर लिया है। आइए जानते हैं वो पांच वहज जिनके चलते चेल्सी इस प्रीमियर लीग सीजन के खिताब की सबसे बड़ी दावेदार है। #1 डिफेंस में मौजूद तीन खिलाड़ी और 'विंगबैक' पोजिशन के खिलाड़ी इस साल चेल्सी के गेम में खास बात ये रही है कि उसने सात मैचों में सिर्फ एक गोल खाया है। इससे साफ पता चलता है कि चेल्सी के कोच ने टीम के डिफेंस को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। टीम की इस शानदार डिफेंडिंग के लिए जिम्मेदार हैं तीन नाम 'डेविड लुइस', 'सीजर एजपिलीकेटा' और 'गैरी केहिल'। कोच कोंटे ने तीनों के खेल की ताकत का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हुए उनकी कमियों को कम किया है। इसी के चलते तीनों टीम की सबसे मजबूत कड़ी बन गए हैं। सीजर और गैरी तो हमेशा से ही अपनी शानदार रक्षात्मकता के लिए जाने जाते हैं। लेकिन, इस डिफेंस में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है डेविड लुइस के खेल में। अक्सर अपना अड़ियल रवैया खेल में दिखाने वाले डेविड ने अपनी परफॉर्मेंस में सुधार किया है। डिफेंस के अलावा टीम में मौजूद दो विंगबैक पोजिशन के प्लेयर्स भी काफी बेहतर खेल रहे हैं। विक्टर मोज़िज़ और मार्कोस अलोंसो विंगबैक पर खेलते हुए चेल्सी के मिडफील्ड और डिफेंस दोनों के लिए काफी मददगार रहे हैं। शानदार रन, सटीक पासेज और समय से पोजिशन पर पकड़ बनाने का काम दोनों बखूबी निभा रहे हैं। #2 पूरे साहस के साथ काउंटर अटैक चेल्सी की लगातार जीत का जितना बड़ा श्रेय दमदार डेफेंस को जाता है उतना बड़ा श्रेय टीम के तेज अटैक को भी जाता है। इस शानदार अटैक के चलते चेल्सी अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम के रक्षा कवच को कुशलता से तोड़ती दिख रही है। साथ ही तेज और लगातार काउंटर अटैक से वो दूसरी टीमों को संभलने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। इस सीजन में चेल्सी के काउंटर अटैक की खासियत है ‘मैटिक’ और ‘कोंटे’ की जोड़ी। इस जोड़ी ने विपक्षियों की नाक में दम कर रखा है। दोनों ही खिलाड़ी मिडफील्ड से बॉल को आगे बढ़ाकर सटीक पासेज के जरिए, लगातार गोल करने के मौके बनाते दिख रहे हैं। #3 एंटोनियो कोंटे की दक्षता चेल्सी के नए मैनेजर एंटोनियो कोंटे का इस सीजन में क्लब से जुड़ना उसके फॉर्म की वापसी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। इस इटैलियन कोच ने चेल्सी को उसकी ताकत का ऐहसास करवाया और टीम को अब लगातार जीत दिलवा रहे हैं। उनकी विभिन्न रणनीतियों में सबसे सफल माना जा रहा 3-4-3 फॉर्मेशन का प्रयोग। इसके चलते टीम के सभी खिलाड़ी अपनी क्षमता और कौशलता के साथ शानदार नतीजे दे रहे हैं। हालांकि किसी टीम से जुड़कर उसमें नई ऊर्जी भरना कोंटे के लिए कोई नई बात नहीं है। उनका करियर इसी काम के लिए मशहूर है। इटली के सबसे ताकतवर क्लब ‘जुवेंटस’ को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाने का श्रेय भी एंटोनियो को ही जाता है। उन्होंने इस क्लब का लगभग पूरी तरह से नव निर्माण किया और इटली में टॉप पर पहुंचा दिया। इसके अलावा वो पिछले साल इटली की नेशनल टीम से भी जुड़े। जो टीम पिछले कुछ सालों से बेहद कमजोर मानी जा रही थी, उसे यूरो 2016 में नई ऊर्जा दी कोंटे ने। इटली ने इस बड़े टूर्नामेंट में स्पेन और बेल्जियम जैसी टीमों को हराकर क्वॉर्टरफाइनल में जर्मनी के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट खेला। यही कारण हैं कि मौजूदा समय में उन्हें इस लीग का सबसे शानदार मैनेजर कहा जा रहा है। #4 ईडन हजार्ड और डीयागो कोस्टा की वापसी चेल्सी के अटैक की सबसे बड़ी ताकत कहे जाने वाले ये दो खिलाड़ी पिछले सीजन में अपनी क्षमता के अनुसर नहीं खेल पाए थे। लेकिन इस सीजन में इनके खेल में शानदार उछाल आया है। जोस मोरिन्हो की बंदिश से आजाद होकर ईडन हजार्ड अब अपने घातक खेल की ओर लौट आए हैं। ऐसा लग रहा है कि उन्हें अपनी तरह से खेलने की आजादी मिल गई है। वो अपने दम पर शानदार मौके बना रहे हैं और बेहतरीन गोल मार रहे हैं। इसी के चलते वो अब तक 13 मैचों में 7 गोल मार चुके हैं। हजार्ड के घातक खेल में बखूबी साथ दे रहे हैं उनके अटैकिंग साथी डियागो कोस्टा। कोस्टा भी अपने पुराने फॉर्म में लौटकर अब और भी ज्यादा दमदार खेल दिखा रहे हैं। 13 मैचों में दस गोल कर चुके कोस्टा लीडिंग गोल स्कोरर की सूचि में शामिल हो गए हैं। खास बात ये है कि वो एक संपूर्ण स्ट्राइकर का रोल अदा कर रहे हैं। वो फॉर्वर्ड लाइन पर सटीक पासेज से गोल असिस्ट भी कर रहे हैं और मौका मिलते ही खुद भी स्कोर कर रहे हैं। #5 कम यूरोपियन लीग खेलना चेल्सी इस सीजन का इंग्लिश प्रीमियर लीग खिताब जीतने की सबसे बड़ी दावेदार इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि उसे बाकी टीमों के मुकाबले कोई और लीग नहीं खेलनी। चेल्सी इस साल के चैंपियंस लीग के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाई, लेकिन ये बात उसके लिए अब फायदेमंद साबित हो सकती है। वो ऐसे, कि कोई और लीग के मैच नहीं खेलने के कारण चेल्सी के खिलाड़ियों को ईपीएल पर फोकस करना का ज्यादा मौका मिलेगा। उन्हें बस वीकेंड पर होने वाले अपने ईपीएल मैचों पर ही ध्यान केंद्रित रखना है। इससे खिलाड़ियों को पर्याप्त ट्रेनिंग का मौका भी मिलेगा और बाकी टीमों के मुकाबले चेल्सी के खिलाड़ी कम व्यस्त रहेंगे। पहले भी कुछ क्लब्स को इस बात का फायदा मिल चुका है। 2013-14 में लिवरपूल और पिछले सीजन में लीसेस्टर सिटी को कम लीग खेलने का फायदा मिला था।