जब एटलेटिको डी कोलकाता ने ISL के सीज़न 2 में जावी लारा को साइन किया था, उस वक्त ये काफी बड़ा मूव माना जा रहा था। वो ला लिगा सीजन से बास्क क्लब के लिए ताज़ा -ताज़ा खेल कर आये थे और वहाँ उनका प्रदर्शन भी देखने लायक था। उन्होंने ISL के उस सीजन में साल्ट लेक में केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ बढ़िया शुरुआत भी की थी। पर दिलचस्प बात ये रही कि एटलेटिको डी कोलकाता के उस समय के मैनेजर अंटोनियो हबस ने उन्हें खेलने के ज्यादा मौके नहीं दिए। उन्होंने लारा की जगह अराता इजूमी को खिलाया जिससे लारा को कुछ ख़ास करने का मौका नहीं मिला। पर नया सीजन आया और आये नए कोच और चीज़ों ने दिलचस्प मोड़ लिया। लारा ने एटलेटिको के किसी भी अन्य खिलाड़ी से, टीम के चार अर्जित अंकों में, ज्यादा योगदान दिया है। उन्होंने केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ विन्निंग स्कोर किया और मुंबई सिटी FC के खिलाफ ईक्वलाइज़र भी। पर कोलकाता की टीम में उनकी जगह इससे कहीं अधिक महत्व की है। बोरजा फर्नाइनडीस और नाटो चूँकि सेंट्रल मिडफील्डर्स के रूप में पहली पसंद है, कोलकाता को एक प्लेमेकर की ज़रूरत महसूस होती है। इऐन ह्यूम को अक्सर ये काम दिया जाता है, पर ये उनकी नेचुरल गेम से अलग है। यहीं पर लारा काम आते हैं। उनके पास भले ही पेस की कमी हो पर वो कट करके चालाकी से फ्रंट के खिलाड़ियों को पास देना बखूबी जानते हैं। उनके अब तक प्रदर्शन को देखा जाये तो कोई आश्चर्य नहीं कि वे 8.53 की औसत रेटिंग के साथ इस सीजन के हाइयेस्ट रेटेड मिडफील्डर रहे हैं।