#2 होलीचरण नार्जरी
कोकराझार के इस युवा खिलाड़ी ने प्रोफशनल फुटबॉल में तब कदम रखा जब इस खिलाड़ी के कोच ने इस खिलाड़ी को अपने कस्बे के ही SAI कैंप से जुड़ने की बात कही, और बस यहीं से नार्जरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। भारतीय टीम के साथ अंडर-19 और अंडर-22 AFC एशियन कप क्वालिफायर में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब ये खिलाड़ी मुख्य भारतीय टीम का स्थायी सदस्य है। बांए पांव से खेलने वाला 22 साल का ये विंगर मिडफील्ड में नॉर्थईस्ट युनाइटेड की रणनीति का एक अहम हिस्सा है। खेल को समझने की इस खिलाड़ी में क्षमता भी शानदार है और मैच के लिहाज से अपनी भूमिका को बदलने में भी इस खिलाड़ी का कोई जवाब नहीं, और इसलिए ये खिलाड़ी अटैक के समय में भी और डिफेंस के समय में भी टीम के लिए फायदेमंद साबित होता आया है। शानदार रफ्तार के साथ-साथ बेहतरीन बांया पांव, ये इस खिलाड़ी को और निखार कर सामने लाती हैं। कात्सूमि यूसा, निकोलस वेलेज और एमिलानो एलफारो के साथ नार्जरी का तालमेल और भी बेहतर है। इस बात में कोई दोराय नहीं कि ये खिलाड़ी कई गेंद से साथ कुछ ज्यादा ही करने की कोशिश करता है, जहां कई बार आखिरी पास में परेशानियां बढ़ जाती हैं। लेकिन ये कोई बड़ी कमजोरी या गलती नहीं, इससे हटकर नार्जरी के पास कई ऐसी खूबियां हैं जो उन्हें आज की नॉर्थईस्ट युनाइटेड का अहम हिस्सा बनाती हैं।