नॉर्थईस्ट अकेले इस वक्त भारतीय फुटबॉल की पालनहार बनी हुई ये कहना शायद गलत नहीं होगा और फिर जब आप देखें कि महज 18 साल की उम्र में जेरी लालरिनजुआला ने अपने छोटे से करियर में कितना कुछ पा लिया है तो आपको हमारी ये बात सही भी लगने लगेंगी। मिजोरम का ये खिलाड़ी AIFF की बेहतरीन एकेडमी का हिस्सा था जहां से इस खिलाड़ी को 2016 में अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के लिए फ्रांस के क्लब FC मेट्ज में खेलने का मौका मिला। जहां इस खिलाड़ी की वित्तीय मदद की चेन्नियन FC ने, ट्रेनिंग से लौटने के बाद लालरिनजुआला को चेन्नई की टीम ने मौका दिया और उनका ये फैसला सही साबित हुआ। कुछ ही मौकों के बावजूद और डिफेंस में खेलने के साथ ही अपने पहले सीजन में ही ये खिलाड़ी अपने नाम एक अस्सिट कर चुका है और इस खिलाड़ी को दो इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्डस से भी नवाजा जा चुका है, जहां पहला केरला ब्लासटर्स FC के खिलाफ मिला तो दूसरा गोवा FC के खिलाफ। लालरिनजुआला खेल के बढ़ने के साथ अपने खेल की रफ्तार को भी बढाते चले जाते हैं और ये इस खिलाड़ी की अनूठी कला है। पिछले एक महीने में और बीते 6 मैचों में ये देखने को भी मिला जहां इस खिलाड़ी ने 4 मुकाबलों में पूरे 90 मिनट भी खेला। खेल के दौरान शांत और ठंडे दिमाग के साथ-साथ इस खिलाड़ी ने गेंद के साथ भी अपनी कई क्षमताओं को दर्शाया है । जिससे ये तो कहा ही जा सकता है कि ये खिलाड़ी निश्चित तौर पर लंबी रेस का घोड़ा है।