वर्ल्ड कप 2018 :  इंग्लैंड को हराकर तीसरे स्थान पर रहा बेल्जियम

थॉमस म्यूनियर और इडेन हेजार्ड के शानदार प्रदर्शन की बदौलत बेल्जियम ने फीफा वर्ल्ड कप 2018 के तीसरे स्थान के लिए खेले गए प्लेआॅफ मुकाबले में इंग्लैंड को 2-0 से मात दी। इस मुकाबले में बेल्जियम की टीम पूरे मैच में हावी रही। इंग्लैंड का डिफेंस और आक्रमण दोनों पूरी तरह से फेल रहे। कप्तान हैरी केन ने भी गोल के सुनहरे मौके गंवाए। बेल्जियम के लिए पहला गोल मैच के चौथे मिनट में ही म्यूनियर ने दाग वहीं दूसरा गोल इडेन हेजार्ड ने 82वें मिनट में किया। इस जीत से बेल्जियम की टीम तीसरे स्थान पर रही। इंग्लैंड को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। निलंबन के कारण फ्रांस के खिलाफ सेमी फाइनल मुकाबले में नहीं खेल पाए म्यूनियर ने इस मैच में कसर पूरी कर ली। मैच के शुरुआती चार मिनट में बेल्जियम उनकी गोल की मदद से 1-0 से आगे हो गया। म्यूनियर ने यह गोल नासेर चाडली के बाईं तरफ से दिए गए क्रॉस पास पर किया। थॉमस गेंद के सामने ही खड़े थे। उन्होंने बड़ी आसानी से गेंद को नेट में डाल कर अपनी टीम को बढ़त दिला दी। 12वें मिनट में बेल्जियम को अपनी बढ़त को दोगुना करने का शानदार मौका मिला लेकिन इंग्लैंड के गोलकीपर जॉर्डन पिकफोर्ड ने केविन डीब्रुने के शॉट को बचाकर उन्हें ये बढ़त लेने से रोक दिया। बेल्जियम लगातार आक्रमण कर रही थी और इंग्लैंड पर दबाव बनते जा रहा था। इसी बीच मैच के 23वें मिनट में रहीम स्टार्लिंग को गोल करने का मौका मिला। हालांकि वे इस सुनहरे मौके को भुनाने में नाकाम रहे। 35वें मिनट में बेल्जियम को पहला कॉर्नर मिला लेकिन टोबी एल्डरवीरेल्ड गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाने में नाकाम रहे। पहले हाफ में इंग्लैंड को बराबरी करने का मौका मिला लेकिन वह इस पर गोल नहीं दाग पाए। दूसरे हाफ में भी कमोबेश इंग्लैंड का यही हाल रहा। उसके फॉरवर्ड खिलाड़ी कोई कमाल नहीं कर पा रहे थे। वहीं दूसरी तरफ बेल्जियम अपना आक्रमण और तेज करते जा रहा था। किसी तरह से मैच के 70वें मिनट में एरिक डाएर ने रेशफोर्ड के साथ मिलकर एक मौका बनाया। हालांकि यह ऑफ साइड करार दे दिया गया। तीन मिनट बाद डाएर ने एक और मौक बनाया और गेंद ट्रिपिर की मदद से लिंगार्ड तक पहुंचाई लेकिन वे उसे बाहर खेल बैठे। मैच में सुस्त दिख रहे इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच उनके गोलकीपर ने कई अच्छे बचाव किए। मैच के 80वें मिनट में भी पिकफोर्ड तेजी नहीं दिखाते तो गेंद गोल पोस्ट में समा जाती। दरअसल डीब्रुने ने गेंद इडेन हेजार्ड को दी। उन्होंने इसे म्यूनियर को पास दिया। म्यूनियर ने शानदार शॉट लगाया लेकिन पिकफोर्ड ने डाइव लगाकर इसे रोक लिया। इसके बाद मैच के दूसरे हाफ में हेजार्ड ने शानदार गोल कर टीम की जीत पक्की कर दी। इस बार हेजार्ड ने डीब्रुने से मिले पास को भुनाते हुए बगैर कोई गलती के गेंद नेट में पहुंचा दिया। इससे पहले पेरिस सेंट जर्मन के डिफेंडर म्यूनियर ने रोमेलु लुकाकू के बनाए मौके को भुनाते हुए बेल्जियम को बढ़त दिला दी। इसके बाद हेजार्ड के गोल ने इंग्लैंड के लिए वापसी और जीत के सारे रास्ते बंद कर दिए। इससे पहले बेल्जियम ने 1986 के विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया था। उस टूर्नामेंट में बेल्जियम की टीम चौथे स्थान पर रही थी। बेल्जियम ने एक पखवाड़े के भीतर ही इंग्लैंड को दूसरी बार मात दी है। ग्रुप चरण में भी उसे पटखनी देने वाले बेल्जियम ने 82 साल तक इसका इंतजार किया था। इस मैच के लिए गेरेथ साउथगेट ने टीम में चार बदलाव किए थे। हालांकि इस हार के बाद भी एक चीज है जो इंग्लैंड के लिए राहत भरी है और वह है उसकी युवा शक्ति। विश्व कप में इंग्लैंड की टीम सबसे युवा टीमों में शुमार थी। उसके खिलाड़ियों की औसत आयु 25 वर्ष 174 दिन थी। अब इस महासमर का खिताबी मुकाबला फ्रांस और क्रोएशिया के बीच रविवार को खेला जाएगा। युवाओं से भरी फ्रांस की टीम अपने स्टार काइलियन एमबेपे और ग्रीजमान की बदौलत खिताब पर कब्जा जमाने के लिए हर संभव कोशिश करेगी। वहीं क्रोएशिया की टीम भी लुका मोड्रिच के दम पर फ्रांस को पराजित कर इतिहास रचना चाहेगी।