दुनिया के सबसे बड़े फुटबॉल क्लबों में शामिल चेल्सी एफसी को आखिरकार नए मालिक मिल गए हैं। अमेरिका के खरबपति टॉड बेहली और 3 साथियों ने मिलकर चेल्सी को खरीदने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है जिसका ऐलान खुद चेल्सी फुटबॉल क्लब द्वारा किया गया है। क्लब को खरीदने की पूरी प्रक्रिया इस महीने के अंत तक समाप्त हो जाएगी।
क्लब को बेचने का फैसला मालिक रोमन एब्रामोविच का था जो रूसी मूल के हैं और उन्होंने ये फैसला यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के बाद लिया।
हालांकि ये भी साफ है कि रोमन को ये फैसला मजबूरी में लेना पड़ा क्योंकि उन्हें चेल्सी क्लब के इतिहास का सबसे अच्छा मालिक माना जाता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ उनकी नजदीकी को ब्रिटिश सरकार ने यूक्रेन युद्ध के शुरु होने के बाद आड़े हाथों लिया था जिसकी वजह से रोमन ने क्लब की बेहतरी के लिए इसे बेचने का फैसला किया था। ब्रिटिश सरकार ने इस फैसले के बाद भी चेल्सी फुटबॉल क्लब के संचालन पर तरह-तरह की पाबंदियां लगवाई हैं।
साल 2003 में क्लब को खरीदने वाले रोमन ने पिछले 19 सालों में क्लब का चेहरा ही बदल दिया। इस बिजनैसमैन ने क्लब की बेहतरी के लिए खरबों रूपए लगाए, चेल्सी की महिला फुटबॉल टीम को तैयार करवाया, अकादमी में पैसा लगाकर नए खिलाड़ियों को मौका दिया। शुरुआती 9 सालों में रोमन को क्लब से कोई आमदनी नहीं हुई। साल 2012 के बाद से क्लब ने अपने मुनाफे की घोषणा की। लेकिन रोमन ने क्लब पर विश्वास बनाए रखा। रोमन के आने के बाद क्लब ने 5 बार प्रीमियर लीग का खिताब जीता, 5 बार एफए कप अपने नाम किया, और दो बार चैंपियंस लीग की विजेता भी बनी। फैंस रोमन के जाने से खासे नाराज और निराश हैं।
चेल्सी फुटबॉल क्लब की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि टॉड बोहली, क्लीयरलेक कैपिटल, मार्क वॉल्टर और हांसहोर्ग विस, इन चारों के साथ संयुक्त रूप से क्लब को बेचने का अग्रीमेंट हो चुका है। क्लब के अनुसार कुल धनराशि में से 2.5 बिलियन पाउंड यानी करीब 1.89 खरब भारतीय रुपए की धनराशि का प्रयोग क्लब के शेयर को खरीदने के लिए किया जाएगा जिसे यूके में मौजूद एक बैंक अकाउंट में रखा जाएगा। क्लब ने और चेल्सी के पूर्व मालिक रोमन एब्रामोविच की ओर से जारी बयान में ये साफ कर दिया गया है कि पूरी धनराशि चैरिटी के लिए दान में दी जाएगी, जैसा कि रोमन ने पहले ही घोषणा कर दी थी। हालांकि इसके लिए ब्रिटिश सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी।
इसके साथ ही नए मालिक क्लब की बेहतरी के लिए 1.75 बिलियन पाउंड यानी 1.66 खरब भारतीय रुपए की धनराशि अलग से खर्च करेंगे। इस इन्वेस्टमेंट में क्लब का फुटबॉल मैदान स्टैमफॉर्ड ब्रिज, क्लब की अकादमी, चेल्सी की महिला टीम और चेल्सी फाउंडेशन की बेहतरी का ध्यान रखा जाएगा।