2018 विश्व कप की सेमीफाइनलिस्ट और तीसरे स्थान पर रहने वाली बेल्जियम की टीम इस बार ग्रुप स्टेज से ही विश्व कप से बाहर हो गई है। ग्रुप एफ में अपना आखिरी मैच गत उपविजेता क्रोएशिया के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ खेलने के साथ ही बेल्जियम का सफर खत्म हो गया जबकि क्रोएशिया राउंड ऑफ 16 में पहुंच गया। वहीं ग्रुप एफ के आखिरी मैच में मोरक्को ने गत कनाडा पर 2-1 से जीत हासिल की और ग्रुप टॉप कर नॉकआउट दौर में पहुंच गई।
खाली हाथ रही 'गोल्डन जेनेरशन'
मौजूदा समय की बेल्जियम टीम को उसके फुटबॉल इतिहास के स्वर्णिम युग की टीम माना जाता है, लेकिन विश्व रैंकिंग में पूर्व में नंबर 1 रहने के अलावा टीम ने ऐसा कोई टूर्नामेंट नहीं जीता है जिसके लिए उन्हें याद रखा जा सके।
इस विश्व कप में अपने पहले मैच में टीम ने 1-0 से जीत हासिल की थी लेकिन दूसरे मुकाबले में मोरक्को के हाथों 2-0 से हारकर उलटफेर का शिकार हुए। क्रोएशिया के खिलाफ जीत टीम के लिए काफी जरूरी थी लेकिन वो इसमें नाकामयाब रहे।
बेल्जियम उन चुनिंदा टीमों में शामिल है जिन्होंने साल 1930 में हुआ पहला विश्व कप खेला हो। साल 1986 में टीम चौथे स्थान पर थी जबकि पिछले विश्व कप में तीसरे नंबर पर रही। लेकिन खिताब जीतने का सपना फिलहाल चार और सालों के लिए थम गया है।
मोरक्को 36 साल बाद बढ़ा आगे
मोरक्को की टीम आखिरी बार साल 1986 में ग्रुप स्टेज से अगले दौर में पहुंची थी। इस बार टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन करते हुए ग्रुप स्टेज में एक भी मैच नहीं गंवाया। पहले मैच में क्रोएशिया को ड्रॉ पर रोका तो दूसरे मैच में बेल्जियम को 2-0 से हराया। कनाडा के खिलाफ तीसरे मैच में हाकिम जियेच ने चौथे मिनट में गोल दागा तो 23वें मिनट में एन-नेसिरी ने गोल कर टीम को जीत दिलाई। 2018 में भी टीम ने क्वालिफाय किया था लेकिन तब भी ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई थी।
अब राउंड ऑफ 16 में 5 दिसंबर को जहां क्रोएशिया का मुकाबला जापान से होगा वहीं 6 दिसंबर के दिन मोरक्को की टीम स्पेन से भिड़ेगी।