अपने शांत दृष्टिकोण के साथ सुखविंदर सिंह ने राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का प्रदर्शन बदला और वह ध्यानचंद अवॉर्ड से सम्मानित होने के हकदार हैं। पूर्व भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने एक मत होकर पूर्व भारतीय कोच सुखविंदर सिंह के योगदान की जमकर तारीफ की। 36 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारतीय टीम की कोचिंग करने वाले सुखविंदर सिंह का विजयी दर 47.22 प्रतिशत का रहा। सुखविंदर सिंह को 29 अगस्त को होने वाली वर्चुअल सेरेमनी में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा।
71 साल के सुखविंदर सिंह ने 1999 और 2009 में दो बार सैफ कप और जीते। उन्होंने भारतीय टीम की 1999 सैफ गेम्स में कोचिंग की, जिसने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। सुखविंदर सिंह 2011-2012 तक भारतीय अंडर-13 और पाईलन एरोज के इंचार्ज भी रहे।
पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया ने कहा, 'सुखविंदर सिंह सर इस अवॉर्ड को जीतने के सबसे बड़े योग्य उम्मीदवार हैं। शुभकामनाएं सुखविंदर सिंह जी। वह पहले हैं, जिन्होंने मुझे भारतीय कप्तान के रूप में पहला मैच दिया। मैं हमेशा इसके लिए उनका आभारी रहूंगा।' पूर्व भारतीय स्टार रेनेडी सिंह ने सुखविंदर सिंह के मार्गदर्शन में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था।
उन्होंने कहा, 'पंजाब के कोच राष्ट्रीय टीम के लिए सबसे सफल भारतीय कोचों में से एक रहे हैं। सुखविंदर सिंह सर वो कोच हैं, जिनके रहते मैंने राष्ट्रीय टीम के लिए डेब्यू किया था। उन्होंने हमारी टीम को पूरी तरह बदला, जो मलेशिया जैसी टीमों के खिलाफ बड़े अंतर से हार जाती थी। सुखविंदर सिंह सर ने इस तरह हमारे खेल में बदलाव किया कि आगे चलकर हमने एशियाई की सबसे धाकड़ टीमों को कड़ी चुनौती दी।'
सुखविंदर सिंह की बड़ी क्वालिटी
पूर्व भारतीय विंगर ने कहा कि सुखविंदर सिंह ने खिलाड़ियों को बड़ी पिक्चर देखना सिखाई फिर चाहे टीम जीती हो या हारी हो। रेनेडी ने कहा, 'बैंगलोर में यूएई के खिलाफ लोकप्रिय जीत के बाद भी सुखविंदर सिंह ने कहा कि शांत रहो और ज्यादा जश्न मनाने की जरूरत नहीं है। हमारा आगे यमन के खिलाफ कड़ा मुकाबला है और हमें उस पर ध्यान देने की जरूरत है। यह सुखविंदर सिंह का गुण है। एक बार मैच खत्म हो जाए तो अपना ध्यान अगले मैच पर लगाओ। वह हमें कहते थे कि फुटबॉल हमेशा अगले मैच के लिए तैयार होना है।'
एक और पूर्व भारतीय कप्तान ब्रूनो कोटिन्हो का मानना है कि जब सुखविंदर सिंह के पास कमान थी तब भारतीय टीम का प्रदर्शन सुधरा था। कोटिन्हो ने कहा, 'ध्यानचंद अवॉर्ड सुखविंदर सिंह के लिए बड़े सम्मान की बात है। वह शानदार कोच और तकनीकी रूप से मजबूत व्यक्ति हैं। सुखविंदर सिंह की सबसे बड़ी खूबी है कि उन्होंने हमारा प्रदर्शन बढ़ाया। उनके मार्गदर्शन में हमने शानदार प्रदर्शन किया।'