मॉस्को कोर्ट ने शुक्रवार को रूस की पुरुष राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान रोमन शिरोकोव को 100 घंटे की समुदाय सेवाएं करने की सजा मिली क्योंकि इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट दी है कि शिरोकोव ने मैच के दौरान रेफरी के साथ मारपीट की थी। यह घटना मॉस्को सेलिब्रिटी कप की है। 39 साल के रोमन शिरोकोव ने अगस्त में एक एमैच्योर टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। रोमन शिरोकोव को गुस्सा आ गया जब रेफरी निकिता डानचेंको ने उन्हें पेनल्टी देने से इंकार कर दिया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर फैल रहा है।
डानचेंको ने शिरोकोव को भेज दिया, इससे मिडफील्डर को गुस्सा आ गया। शिरोकोव ने रेफरी को पहले घूसा मारा और फिर जोरदार किक जमाई। जानकारी मिली है कि रेफरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। निकिता डानचेंको के वकील ने कहा कि शिरोकोव को 150,000 रुबल्स (2,000 डॉलर) जुर्माने के रूप में भरना चाहिए। शुरूआत में शिरोकोव के लिए जेल की सजा की मांग की गई थी। फ्रीडम पाबंदी का मतलब है कि कुछ घंटों में घर छोड़ने के समय उन्हें पुलिस को जानकारी देनी होगी। शिरोकोव को पब्लिक इवेंट्स में हिस्सा लेने पर पाबंदी होगी। अगर शिरोकोव को शहर छोड़ना है तो उन्हें इसकी जानकारी पुलिस को देनी होगी।
जानकारी तो यह भी मिली है कि डानचेंको के वकील ने रोमन शिरोकोव पर हत्या करने का आरोप लगाया गया था। इसकी वजह यह बताई गई कि शिरोकोव को अस्पताल से तीन सप्ताह बाद छुट्टी मिली थी। डानचेंको के चेहरे और सिर में घांव है और उनके चेहरे के फोटो भी सोशल मीडिया पर फैल चुके हैं।
शिरोकोव ने अपने अधिकांश करियर जेनिथ सेंट पीट्सबर्ग में खेला और राष्ट्रीय टीम के लिए 57 मैच खेले। शिरोकोव ने इस घटना के बाद रेफरी डानचेंको से माफी मांगी।
शिरोकोव के अलावा इन फुटबॉलर्स को मिली कड़ी सजा
2016 में संन्यास लेने वाले रोमन शिरोकोव ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'मुझे अच्छे से जानकारी थी कि पेनल्टी किक नहीं मिली और फिर लाल कार्ड दिखा दिया गया। इससे मेरा गुस्सा बढ़ गया।' बता दें कि शिरोकोव एकमात्र रूसी पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी नहीं, जिन्होंने पिछले सालों में कानून के चक्कर लगाए हो। एलेक्सेंडर कोकोरिन और पावेल मामायेव को पिछले साल दो नौकरों के साथ मारपीट में शामिल करने के लिए जेल की सजा हुई थी।