इशान पंडिता पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी बने जिन्हें स्पेनिश फर्स्ट डिविजन क्लब के लिए एक साल के कॉन्ट्रेक्ट के तहत डिपोर्टिवो लीगानेस ने साइन किया है। ये पंडिता का बचपन से सपना था कि वो किसी युरोपियन फर्स्ट डिविजन क्लब का हिस्सा बनें, जो सपना अब पूरा हो चुका है। हालांकि इस खिलाड़ी का चयन क्लब की अंडर -19 टीम के लिए किया गया है, जो होनर डी जुवेनिल अंडर-19 की स्पेनिश टीमों के साथ खेलेगी। इस अंडर-19 लीग में बार्सिलोना और रियल मैड्रिड कि टीमें भी खेलती हैं, जिस वजह से पंडिता के पास मौका होगा उन लोगों को प्रभावित करने का जो ला-लीगा के दिग्गजों में शुमार हैं। अब जबकि इशान प्रोफेशनल जुनियर ला-लीगा कॉन्ट्रेक्ट में शामिल होने वाले पहले भारतीय बन गए हैं, तो आइये स्पोर्ट्सकीडा के जरिए हम आपको बताते हैं इस उभरते हुए खिलाड़ी के बारे में वो पांच चीजें, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है।
# 1 शुरूआती जिंदगी
बेंगलुरू का ये लड़का वैसे कश्मीरी पंडित है, 1998 में पंडिता का जन्म हुआ, और बहुत ही कम उम्र में वो फिलीपींस आ गए, छह साल की उम्र में पंडिता ने फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया। पंडिता ने मनीला में एक ब्रिटिश स्कूल में पढ़ाई की, औऱ साथ ही अपने करियर की शुरुआत के बाद ब्रिटिश कोचों द्वारा वहां पंडिता को ट्रेनिंग भी मिली, और वहीं से इशान ने फुटबॉल के अंग्रेजी शैली को भी अच्छी तरह सीख लिया।
# 2 बेंगलुरू में जिंदगी
पंडिता 2009 में फिलीपींस से बेंगलुरू आ गए, और फिर बेंगलुरू इंटरनेशनल स्कूल टीम के शानदार खिलाड़ी होने के नाते उन्हें इस टीम का कप्तान भी बनाया गया। उन्होंने BDCA में A डिविजन और C डिविजन राज्य टीम के साथ स्टूडेंट युनियन और बेंगलुरू येलो के लिए खेला। इसके बाद उन्होंने अपनी प्रतिभा दिखाई ‘एयरटेल राइजिंग स्टार’ के टैलेंट हंट शो में, जिसका आयोजन बीस बार कि प्रीमियर लीग विजेता मैनचेस्टर युनाइटेड ने बेंगलुरू में किया था। पंडिता को 2000 उम्मीदवारों के बीच से चुना गया था, जिस वजह से उनके आत्मविश्वास को एक नई ऊर्जा मिली।
# 3 बड़े मौके और शुरूआती मुश्किलें
2013 में इस स्ट्राइकर को पहला बड़ा मौका स्वीडन में हो रहे गोठिया कप में मिला। वहां ये खिलाड़ी अपने शानदार खेल की बदौलत लोकल क्लब आईएफ ब्रॉमापॉजकर्ना के स्काउट्स को प्रभावित करने में कामयाब रहा। इसके बाद इस स्विडिश क्लब ने इस खिलाड़ी को अंडर-17 टीम के ट्रायल के लिए बुला लिया, और फिर वो वक्त आया जब पंडिता ने अपने माता-पिता से पढ़ाई को कुछ समय के लिए छोड़ने का वक्त मांगा, और पूरी तरह से फुटबॉल पर ध्यान केंद्रीत करना शुरू किया। जिसपर उस वक्त लोगों ने उनका काफी विरोध भी किया था और इस फैसले के लिए उनका मजाक भी उड़ाया।
#4 स्पेन का रुख
2014 में पंडिता स्पेन के इंटरसॉकर मेड्रिड फुटबॉल एकेडमी से जुड़ गए। मेड्रिड से जुड़ी एकेडमी से पंडिता को एल्कोबेनडॉस सीएफ की टीम में जगह बनाने में कामयाबी मिली। ये वही क्लब है जहां से कई खिलाड़ी एटलेटिको मैड्रिड के लिए भी खेल चुके हैं । एक स्काउट ने पंडिता को एल्कोबेनडास सीएफ की तरफ से खेलता हुआ देखा और वो इससे काफी प्रभावित भी हुए, और इसलिए पंडिता को अंडर-18 में अलमेरिया की टीम से खिलाना शुरू कर दिया, मई 2016 में वो इस क्लब का हिस्सा बन चुके थे, लेकिन 18 साल की उम्र का न होने के कारण वो और क्लब आधिकारिक तौर पर ऐसा नहीं कर सकते थे। फीफा नियमों के अनुसार 18 साल से पहले कोई भी गैर युरोपीय खिलाड़ी किसी तरह के किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता। सीडी लेगानेस के साथ जुड़ने से पहले, पंडिता ने गैटाफे एफसी के लिए भी ट्रायल दिया जहां उन्होंने ट्रायल पास भी कर लिया था लेकिन उन्होंने ये क्लब ज्वाइन नहीं किया, और इसलिए ला-लीगा की मुख्य लीग में खेलने का सपना फिलहाल उनके लिए कायम है। सीडी लेगानेस के डायरेक्टर जॉर्ज ब्रोटो बेनावेंटे इशान के लगातार बेहतरीन होते प्रदर्शन और गोल करने की उनकी क्षमता से काफी प्रभावित है, और इसिलिए जॉर्ज ने उन्हें अपने क्लब के लिए भी चुना।
#5 पसंदीदा खिलाड़ी, क्लब और भविष्य के लक्ष्य
प्रीमियर लीग में पंडिता लीवरपूल के बडे फैन हैं, हांलाकि ला-लीगा में वो रियाल मैड्रिड का समर्थन करते हैं। पसंदीदा खिलाड़ियों कि लिस्ट थोड़ी लंबी है जिनमें लुइस सुवारेज, फिलिप कोटिन्हो, गैरथ बेल और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का नाम शामिल है। आने वाले समय में पंडिता का सपना ला-लीगा में फुटबॉल के बड़े नामों के साथ खेलने का है जिनमें रोनाल्डो और लाइनल मैसी के नाम शामिल है, और इसके साथ ही अपने देश के लिए खेलना भी उनके बड़े सपनों का हिस्सा है। इशान पंडिता अब तैयार हैं सीडी लेगानेस के साथ अंडर-19 लीग की शुरूआत के लिए, ताकी वो अपने खेल में और सुधार ला सकें, और बड़ी टीमों के साथ खेलने का अनुभव कमा सकें । कुल मिलाकर लेगानेस अंडर-19 टीम इशान के लिए अपने खेल को सुधारने का बड़ा और बेहतरीन मौका है. जहां वो अपने आप को तैयार कर खुद के लिए आगे के रास्ते खोल सकते हैं।