23 जूलाई को मुंबई में आईएसएल 2017 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी की गई। इसमें 200 खिलाड़ियों ने भाग लिया जिनमें से केनल 134 खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी द्वारा खरीदा गया। आईएसएल स्टेंडर्ड के अनुसार प्रत्येक क्लब में 15 या उससे अधिक खिलाड़ी होंगे जिनमें अधिकांश भारतीयों को रखा जाएगा। मसौदे में शामिल खिलाड़ियों के वेतन को पहले से तय किया गया था। सभी दस क्लबों ने अधिकारियों ने बहुत सोच समझ के बाद खिलाड़ियों को चुना एवं खरीदा। कल्बों द्वारा लगभग सभी मूल्यवान खिलाड़ियों को खरीद लिया गया है। लेकिन धर्मराज रावण और नालप्पन मोहनराज जैसे कुछ खिलाड़ियों को टीम के आकार और कुछ बजटीय कारणों से अभी नहीं खरीदी है। आईएसएल क्लब सर्वश्रेष्ट भारतीय प्रतिभाओं को खरीदने से काफी खुश नजर आ रहे थे। आइए हम आपको आपको बढ़ते क्रम में सबसे मंहगे क्लब के बारे में और उसके खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं। FC गोवा: 2.59 करोड़ रुपये गोर्स ने दो अंतर्राष्ट्रीय भातीय खिलाड़ी नारायण दास और प्ररोनय हलडर को 58-58 लाख रुपए में खरीदा। गोवा ने डिफेंडर चिंगलेन्साना सिंह और फॉरवर्ड ब्रैंडन फर्नांडिस को 46.5 लाख में खरीदा। जबकि स्थानीय पसंदीदा रोमियो फर्नांडिस जो 50 लाख की कीमत के थे, को नहीं खरीदा गया। यह बात क्लब के सख्त नियमों की तरफ संकेत करती है। इस बार गोवा अपने पहले दृष्टिकोण के अनुसार स्थानीय खिलाड़ियों को खरीदने के लिए प्रतिबंधित थे। FC पुणे शहर: 2.72 करोड़ रुपए ऑरेंज प्रेशल्स ने कुल 14 खिलाड़ियों पर 2.72 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसके साथ उन्होंने 9 खिलाड़ीयों को 20 लाख रूपए के वेतन के तहत रखा है। स्टैलियंस ने कीन लुईस को 40 लाख रूपए में खरीदा जबकि लालचुआनमाविआ को 45 लाख की कीमत में खरीदा। बालजी साहनी को बहुत समय के बाद टीम के साथ जोड़ा गया था। आईएसएल के नियम के मुताबिक मजबूत घरेली भागीदारी के कारण पुणे एक बार फिर विदेशी खिलाड़ियों पर अधिक ध्यान देने की कोशिश कर रहा है। नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड: 2.89 करोड़ रूपए हाइलैंडर्स को कभी भी उच्च प्रोफाइल खिलाड़ियों के लिए बैंक बैलेंस कम करने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने पूर्वोत्तर भारत के खिलाड़ियों के मजबूत लाइन अप पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने लालरंदिका राल्ते को 50 लाख में खरीदा जो भारतीय अंतर्राष्ट्रीय हॉलचरण नारजरी और निर्मल चेस्ट्री के साथ क्लब के स्टार खिलाड़ियों में से एक हैं। नॉर्थ ईस्ट ने कुल 2.89 लाख रूपए खर्च किए हैं। उनकी टीम में रॉबर्ट लल्थलामुआना, सेमिनिन डौगेल, दीदीका, नारजरी और मालेमगंगा जैसे अच्चे स्थानीय खिलाड़ीयों को खरीदा। केरल ब्लास्टर्स: 3.48 करोड़ रुपए केरल ब्लास्टर्स ने टीम में सीके विनीत और संदेश जिंगन को लेने के लिए पहले से ही राय बना रखी थी। केरल ने स्थानीय रोनो अंटो के साथ जैकीचंद्र सिंह को संयुक्त रूप से 1.18 करोड़ रूपए में खरीदा है। इनके अलावा केरल ब्लास्टर्स ने मिडफिलडर मिलन सिंह और अराता इजमी पर भी बहुत पैसा खर्च किया है। गोलकीपर सुभाषिष चौधरी को 37 लाख रुपए में खरीदा गया है। बेंगलुरू एफसी: 3.54 करोड़ रुपए बेंगलुरू एफसी पांचवे सबसे कम खर्चकर्ता थे। उन्होंने सुनिश्चित किया था कि वे टीम की रीढ़, जो हाल के दिनों में अच्चा खेले हैं उन्हें एक बार फिर टीम में लाया जायगा। ब्ल्यूज ने लेनी रॉड्रिक्स, हर्मजीत खाबरा, अल्विन जार्ज और लल्थुमामाविया राल्ते को टीम के साथ जोड़ा है। राहुल भके को टीम बड़ा धन लेके लाई है। ब्लूज ने कुल 13 खिलाड़ियों पर कुल 3.54 करोड़ रुपए खर्च करके खरीदा है। जोटेया राल्ते, थोंगखोसैम हॉकीप और बूथंग हॉकीप क्लब के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकते हैं। इन पूर्वोत्तर खिलाड़ियों को क्लब ने 75 लाख में अपने साथ जोड़ा है। चेन्नईयन एफसी: 3.57 करोड़ बोली में अंत में आने से 2015 के चैंपियन निराश हो गए थे । वह चाहते थे कि वह अपने अधिकांश पूर्व खिलाड़ियों को छोड़ दे। लेकिन केवल धनचंद्र और थोई सिंह से ही ज्यादा पैसों के लिए हस्ताक्षर किए। सोचा जा रहा था कि मणिपुर की यह जोड़ी 1.07 करोड़ रुपए में घर जाएगी पर चेन्नईयन द्वारा ज्यादा पैसा देने से यह चेन्नईयन में आ गए। टीम ने मोहम्मद रफी को बहुत देर बाद खरीदा साथ ही मिडफिल्डर बिक्रमजीत सिंह को 53 लाख रुपए में अपने साथ जोड़ा। इसके साथ ही चेन्नईयन अपने 3.57 करोड़ रुपए के खिलाड़ियों के साथ बुलंद दिख रहा है। मुंबई सिटी: 3.73 करोड़ रुपए मुंबई सिटी ने स्ट्राइकर बलवंत सिंह, गोलकीपर अरिंदम भट्टाचार्य और डिफेंडर राजू गायकवाड़ पर अपने ज्यादातर पैसे खर्च किए हैं। लेकिन कुलीन वर्ग की गुणवत्ता आईएसएल के लिए पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने कहा कि रणबीर कपूर की टीम के लिए 3.73 करोड़ रुपए का खर्च काफी है क्योंकि उनकी टीम में ऐंसा कोई भी खिलाड़ी नहीं है जो राष्ट्रीय टीम में नियमित खेलता हो। इसके अलावा मुंबई ने एबोरलांग खांगली, संजू प्रधान और मेहरुजुद्दीन वाडु को संयुक्त रूप से 1.09 करोड़ रुपए में खरीदा। दिल्ली डायनामॉस: 3.91 करोड़ रुपए यह पहले से उम्मीद थी कि पहले राउंड में दिल्ली डायनामॉस अपनी एंट्री के बाद अधिकांश क्लबों को बाहर कर देगी। लायंस ने अपने 15 भारतीय खिलीड़ियों के लिए तीसरे सबसे ज्यादा पैसे खर्च किए हैं। उसने सबसे अलग खेलने वाले प्रीतम कोटल, अल्बिनो गोम्स, रोमियो फर्नांडीस और सेनीसन सिंह को अपने साथ जोड़ा है। इन चारों के लिए क्लब ने 2.25 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दिल्ली ने अन्य लल्लीज्याहुल छेंगटे, सेना राल्ते और प्रतीक चौधरी है। ATK 4.42 करोड़ रुपए डिफेंडिंग चैंपियन एटीके ने कोच टेडी शेरिंगहम और तकनीकी निर्देशक एशले वेस्टवुड को पूरी आजादी दी। यूजीनसन लिंगदोह, जयेश राणे, रॉबिन सिंग और आशुतोष मेहता को क्लब में 2.69 करोड़ में दूबारा लया गया। दो बार की चैंपियन अपने बाकी के 9 खिलाड़ियों को इन चारों के आधे दाम में खरीदेगा। टाटा जमशेदपुर एफसी: 4.73 करोड़ रुपये टाटा जमशेदपुर ने अपने 15 खिलाड़ियों पर 4.73 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उनकी सबसे बड़ी खरद में अनस एडाथोडिका और सुब्रत पाल है। जबकि क्लब ने मेहताब हुसैन, रॉबिन गुरूंग, बिकाश जैरू और सौविक चक्रवर्ती भी बड़ी कामत के साथ टीम में जुड़े हैं। स्टीव कॉपेल के बारे में कहा जा सकता है कि वह प्रतिभा से भरे हुए हैं।