एटीके मोहन बागान का मंगलवार को मैच से पहले चेन्नईयन एफसी पर पलड़ा भारी माना जा रहा था। मंगलवार को 90 मिनट के खेल के बाद हालांकि, दोनों टीमों के बीच रोमांचक मैच गोलरहित ड्रॉ रहा। बांबोलिम में जीएमसी स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में चेन्नईयन एफसी अंक प्राप्त करने की हकदार जरूर नजर आई, क्योंकि उसने सभी क्षेत्रों में एटीके मोहन बगान को कड़ी टक्कर दी।
चेन्नईयन एफसी को भाग्य का भी साथ मिला जब 28वें मिनट में एटीके बगान को पेनल्टी नहीं मिली, जबकि स्पष्ट नजर आ रहा था कि ये पेनल्टी होगी। एडु गार्सिया का क्रॉस पास हासिल करने वाले डेविड विलियम्स को बॉक्स के अंदर रीगन सिंह ने गिरा दिया था। रीगन और विलियम्स के बीच सीधा संपर्क नजर आया, लेकिन एटीके मोहन बगान की अपील के बावजूद रेफरी ने पेनल्टी नहीं देने का फैसला किया। इस नतीजे के साथ मोहन बगान 8 मैचों में 17 अंकों के साथ शीर्ष पर पहुंचा, जबकि चेन्नईयन एफसी 8 मैचों में 10 अंकों के साथ सातवें स्थान पर जमी हुई है।
चेन्नईयन एफसी और एटीके मोहन बगान के बीच एक्शन से भरा रहा रोमांच
एटीके मोहन बगान फॉर्म में है और इस मुकाबले में चेन्नईयन एफसी की मानसिकता पर सबकुछ निर्भर करने वाला था। अच्छी बात यही देखने को मिली कि चेन्नईयन एफसी ने एटीके मोहन बगान को कड़ी टक्कर दी और हर क्षेत्र में उसे मात देने के लिए जोर लगाया। पहले हाफ में चेन्नईयन एफसी की तरफ से ब्राजील के मिडफील्डर राफेल क्रीवेलारो ने कई बार गोल करने के प्रयास किए। मोहन बगान के लिए रॉय कृष्णा ने दमखम झोंका। उन्हें गोल करने के लिए क्लीयर मौके नहीं मिले, लेकिन शुरूआती 45 मिनट में उन्होंने चेन्नईयन एफसी के डिफेंडर्स को खूब परेशान किया।
जहां मोहन बगान को अपना दम दिखाना था, वहीं चेन्नईयन एफसी के पास खोने के लिए कुछ नहीं था। चेन्नईयन एफसी ने दूसरे हाफ में दमदार खेल दिखाया और बगान के डिफेंडर्स को परेशान किया।
चांग्टे 50वें मिनट में चेन्नईयन एफसी को बढ़त दिलाने के करीब पहुंचे थे, जब उन्होंने गोली विशाल कैथ से हवा में आई गेंद ली, लेकिन उनके बाएं पैर के शॉट को मोहन बगान के अरिंदम भट्टाचार्य ने रोक लिया। अरिंदम को मेमो मौरा और रहीम अली के शॉट्स के बाद एक्शन के लिए बुलाया गया। मोहन बगान के गोलकीपर ने बिना किसी चिंता के काफी गोल बचाए और इससे समझ आया कि कोलकाता की दिग्गज टीम इस सीजन में छह मुकाबले बिना गोल झेले कैसे निकाल ले गई।
चेन्नईयन एफसी ने दूसरे हाफ में ज्यादा समय अपना कब्जा जमाए रखा, लेकिन मोहन बगान ने आखिरी 15 मिनटों में फिर वापसी का जरिया दिखाया। कृष्णा के हेडर के दम पर मोहन बगान लगभग बढ़त बनाने के करीब पहुंच गया था, लेकिन गेंद जाली में नहीं जा सकी।