इंडियन सुपर लीग : जानें कैसा रहा केरला ब्लास्टर्स का फाइनल तक का सफर

केरला तीसरी बार फाइनल में पहुंची है और पहले खिताब की तलाश में है।
केरला तीसरी बार फाइनल में पहुंची है और पहले खिताब की तलाश में है।

केरला ब्लास्टर्स की टीम जब से इंडियन सुपर लीग के आठवें सीजन के फाइनल मे पहुंची है, पूरे केरल में जश्न का माहौल है। कप्तान एड्रिन लूना और कोच ईवान वुकोमानोविच मानों राज्य के नए हीरो बन गए हैं। पिछले सीजन 10वें स्थान पर रहने वाली टीम अब 20 मार्च को हैदराबाद एफसी के खिलाफ खिताबी मुकाबले के लिए खेलेगी। टीम को नया आयाम दिलाने का श्रेय कोच और टीम में नई जान फूंकने वाले लूना को मिलता है। इस सीजन केरल ने शुरुआत से ही अपनी धमक दिखाई है और आखिर तक लड़ते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की की है।

केरला ब्लास्टर्स के कोच ईवान ने अपने तरीकों से टीम के खेल को खासा प्रभावित किया है।
केरला ब्लास्टर्स के कोच ईवान ने अपने तरीकों से टीम के खेल को खासा प्रभावित किया है।

टीम मोहन बगान के खिलाफ अपना पहला मैच हारी थी। इसके बाद लगातार 10 मैचों में टीम ने एक भी मैच नहीं गंवाया और अपनी स्थिति मजबूत की। इसके बाद हुए 6 मुकाबलों में टीम को 3 में हार का सामना करना पड़ा और मुंबई एफसी के साथ सेमीफाइनल में पहुंचने की होड़ टीम के आखिरी मैच तक चली। केरल ने मुंबई एफसी को 3-1 से हराकर अंतिम 4 में पहुंचने की दावेदारी पेश की और अगले मैच में मुंबई की हार के बाद टीम केरल 2016 के बाद सेमीफाइनल में पहुंचने में कामयाब रही। टीम अब तीसरी बार फाइनल में पहुंची है।

कप्तान एड्रिन लूना खुद डेड बॉल स्पेशलिस्ट के रूप में लीग में इस बार चमके हैं।
कप्तान एड्रिन लूना खुद डेड बॉल स्पेशलिस्ट के रूप में लीग में इस बार चमके हैं।

टीम की फाइनल की राह आसान नहीं रही। सेमीफाइनल में केरल का सामना लीग टॉप करने वाली और शील्ड विजेता जमशेदपुर से हुआ जिसका खेल इस सीजन सबसे प्रभावशाली रहा। पहले लेग के कड़े मुकाबले में जहां सहल अब्दुल समद ने इकलौता गोल कर केरल को बढ़त दिलाई, तो वहीं दूसरे लेग के मैच में एड्रिन लूना ने टीम को अपने जादुई गोल से फाइनल का टिकट दिला दिया। टीम के डिफेंस पर इस बार कोच ईवान ने काफी ध्यान दिया। रिकी लालावम्वामा के रूप में टीम को बेहतरीन डिफेंडर मिला है। वहीं मार्को लेसकोविच, बिजॉय भी टीम के गोल पोस्ट के आगे दीवार बनकर खड़े रहते हैं।

कोच ईवान ने मिडफील्ड में तैनात एड्रिन लूना को अटैक में भी बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया है और हरमनजोत खाबरा, सहल समद उन्हें और पक्का करते हैं। हॉर्गे डियाज और अलवेरो वासकाज के रूप में केरल के पास बेहद मजबूत फॉरवर्ड अटैक भी है।

केरल की टीम काफी खराब सीजन के बाद इस सीजन में फाइनल में आई है। पिछले सीजन केरला ब्लास्टर्स का प्रदर्शन 20 में से सिर्फ 3 गेम जीतकर 11 टीमों में 10वें स्थान पर रही थी जबकि उससे पहले 2019-20 में टीम ने पूरे सीजन 4 मैच जीतकर सातवां स्थान हासिल किया था। टीम 2014 और 2016 में फाइनल में पहुंची थी लेकिन दोनों बार उसके हाथ से ट्रॉफी चूक गई। इस बार टीम के मनजपद्दा फैंस ने वायदा किया है कि 20 मार्च को गोवा के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में वो सिर्फ ब्लास्टर्स के समर्थन की गूंज सुनाएंगे ताकि टीम इस बार ट्रॉफी उठाने में कामयाब रहे।

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Edited by Prashant Kumar