मिजोरम फुटबॉल एसोसिएशन (एमएफए) के सचिव लालघिग्लोवा हमार ने केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखकर जवाब मांगा है कि भारतीय फुटबॉल टीम के स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ को लगातार तीसरी बार अर्जुन अवॉर्ड के लिए नजरअंदाज क्यों किया गया। इस पत्र की एक प्रति अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) को भी भेज दी गई है।
हमार ने मीडिया के साथ साझा किए पत्र में कहा, 'जेजे लालपेखलुआ का नाम अखिल भारतीय फुटबॉल संघ ने तीन अलग-अलग मौकों पर अर्जुन अवॉर्ड के लिए भेजा था। 2017 में जेजे लालपेखलुआ का नाम गुरप्रीत सिंह संधू और बेमबेम देवी के साथ नामांकित किया गया था और बेमबेम देवी को अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। 2019 में जेजे लालपेखलुआ का नाम गुरप्रीत सिंह संधू के साथ दोबारा भेजा गया, जिसमें संधू को अवॉर्ड दिया गया।'
'2020 में जेजे लालपेखलुआ का नाम संदेश झिंगन और बाला देवी के साथ नामांकित किया गया और एक बार फिर उन्हें नजरअंदाज करते हुए संदेश झिंगन को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।' पत्र में हमार ने ध्यान दिलाया कि जेजे लालपेखलुआ ने भारत का 56 मैचों में प्रतिनिधित्व किया, जिसमें 23 गोल किए। सुनील छेत्री के अलावा सक्रिय खिलाड़ियों में जेजे लालपेखलुआ सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं।
जेजे लालपेखलुआ की गजब उपलब्धियां
पत्र में जेजे लालपेखलुआ के टीम और व्यक्तिगत उपलब्धियों और सम्मानों का विवरण भी दिया गया है। इसमें तीन बार सैफ चैंपियनशिप जीतना, एक बार राष्ट्रीय टीम के साथ इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीतना शामिल है। क्लब स्तर पर जेजे लालपेखलुआ ने दो बार इंडियन सुपर लीग और एक बार आई लीग का खिताब जीता है। इसके साथ-साथ जेजे लालपेखलुआ ने कई और व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल की हैं।
हमार ने कहा, 'जेजे लालपेखलुआ ने अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। एमएफए का मजबूती से मानना है कि देश के लिए उनकी उपलब्धियों को अर्जुन अवॉर्ड के साथ पहचान मिलनी चाहिए। एमएफए की मांग है कि इस बात का जवाब मिले कि जेजे लालपेखलुआ का नाम तीन बार अलग-अलग मौकों पर अर्जुन अवॉर्ड के लिए नामांकित हुआ तो फिर अब तक उन्हें नजरअंदाज क्यों किया गया।'
बता दें कि इस साल फुटबॉल में संदेश झिंगन को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। संदेश झिंगन ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा, 'बतौर टीम हमारा अंतिम लक्ष्य फीफा विश्व कप के लिए क्वालीफाई करना है। लेकिन इसके लिए कुछ कदम हमें उठाने होंगे जैसे नियमित रूप से एएफसी एशियाई कप में खेलना, शीर्ष 100 में पहुंचना, फिर शीर्ष 50 में पहुंचना, घरेलू और विदेशी मैदानों पर टूर्नामेंट जीतने होंगे। शारीरिक और मानसिक रूप से आपको संतुलन बनाए रखना पड़ता है। बतौर खिलाड़ी हमें जीत के लिए भूखे रहने की जरूरत है।' अब तक 27 फुटबॉलरों को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अब देखना होगा कि जेजे लालपेखलुआ भी इस सम्मान को प्राप्त करने में सफल होंगे या नहीं।