एशियाई महाद्वीप की सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता डुरंड कप का फाइनल 18 सितंबर को मुंबई सिटी एफसी और बेंगुलरु एफसी के बीच खेला जाएगा। 16 अगस्त 2022 को शुरु हुए इस टूर्नामेंट का ये 131वां संस्करण है जिसका आयोजन तीन शहरों- कोलकाता, इम्फाल और गुवाहाटी में हुआ। प्रतियोगिता का फाइनल कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में शाम 6 बजे से शुरु होगा।
मुंबई सिटी और बेंगलुरु एफसी की टीमें पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची हैं। मुंबई ने पिछली बार की उपविजेता मोहम्मदन सिटी को सेमीफ़ाइनल में 1-0 से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया जबकि बेंगलुरु ने हैदराबाद एफसी को 1-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। पिछली बार की विजेता गोवा एफसी इस बार ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई।
इस साल पिछले साल की 16 के मुकाबले कुल 20 टॉप टीमों ने इस टूर्नामेंट में भाग लिया था। इंडियन सुपर लीग में भाग लेने वाले सभी 11 क्लबों को इस बार डुरंड कप का हिस्सा बनने का मौका मिला। मुंबई सिटी एफसी, ओडिशा एफसी और नॉर्थईस्ट यूनाईटेड ने पहली बार इस प्रतियोगिता में भाग लिया। 20 टीमों को कुल 4 ग्रुपों में बांटा गया था। हर ग्रुप से टॉप 2 टीमों ने क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी। पिछले साल तक ये टूर्नामेंट महज एग्जिबिशन टूर्नामेंट के रूप में खेला जा रहा था, लेकिन 2022 यानी इस साल से यह देश में क्लब फुटबॉल के उद्घाटन टूर्नामेंट के रूप में खेला जाएगा।
क्या है इतिहास?
साल 1888 में पहली बार डुरंड कप का आयोजन हुआ था। शुरुआती दौर में ये प्रतियोगिता शिमला में खेली जाती थी और तब इसमें मुख्य रूप से भारतीय सशस्त्र सेना की अलग-अलग यूनिट भाग लिया करती थीं और इसका आयोजन शिमला में होता था। साल 1940 में टूर्नामेंट को दिल्ली में शिफ्ट किया गया। उस समय ब्रिटिश राज के अंदर देश की सेना की अधिकतर टुकड़ियां द्वितीय विश्व युद्ध के लिए भेजी गईं, और ऐसे में सिविल फुटबॉल क्लबों के लिए प्रतियोगिता को ओपन किया गया।
1940 के बाद से मोहन बगान और ईस्ट बंगाल, दोनों ने ही सबसे ज्यादा 16-16 बार प्रतियोगिता का खिताब जीता है। प्रतियोगिता में अब भी सशस्त्र सेनाओं की भागीदारी होती है और भारतीय थलसेना के पूर्वी कमान के सह-सौजन्य से इसका आयोजन होता है। इस बार भारतीय सेनाओं की ओर से इस बार आर्मी ग्रीन, आर्मी रेड, इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी की टीमों ने भी भाग लिया।