FIFA World Cup 2022 : मेसी बने 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट', एमबापे ने जीता गोल्डन बूट

गोल्डन बूट के साथ फ्रांस के केलिएन एमबापे।
गोल्डन बूट के साथ फ्रांस के केलिएन एमबापे।

अर्जेंटीना को 36 सालों के बाद फुटबॉल विश्व कप दिलाने में टीम के कप्तान लायोनल मेसी की भूमिका सबसे अहम रही है और इस विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर मेसी 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए हैं। मेसी को गोल्डन बॉल से नवाजा गया और इसके साथ ही विश्व कप में दो बार गोल्डन बॉल जीतने वाले वह इतिहास के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। गोल्डन बॉल के अलावा अधिकतर अवॉर्ड अर्जेंटीना की झोली में गए जबकि गोल्डन बूट का खिताब फ्रांस के केलिएन एमबापे को मिला।

1) गोल्डन बॉल

लायोनल मेसी ने साल 2014 के विश्व कप में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर यह खिताब जीता था। हालांकि उस साल अर्जेंटीना की टीम फाइनल में जर्मनी से हारी थी लेकिन पूरे टूर्नामेंट में मेसी का प्रदर्शन बेहतरीन था और इसी कारण वह 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' बने थे। साल 1982 में हुए विश्व कप से गोल्डन बॉल देने की शुरुआत हुई थी। तब से मेसी इकलौते खिलाड़ी हैं जो दो बार इस अवॉर्ड को हासिल कर चुके हैं। मेसी ने इस विश्व कप में कुल 7 गोल दागे और अहम मौकों पर गोल कर टीम को जिताया।

इसी श्रेणी में दूसरे स्थान पर फ्रांस के केलिएन एमबापे रहे जिन्हें सिल्वर बॉल दी गई जबकि क्रोएशिया के कप्तान लूका मोदरिच तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें ब्रॉन्ज बॉल मिली।

2) गोल्डन बूट

यह खिताब विश्व कप में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ी को दिया जाता है। फ्रांस के केलिएन एमबापे ने इस विश्व कप में सबसे ज्यादा 8 गोल दागे। फाइनल मैच में उन्होंने हैट्रिक लगाई और ऐसा करने वाले इंग्लैंड के जियोफ हर्स्ट (1966) के बाद दूसरे खिलाड़ी बन गए। एमबापे महज 23 साल के हैं और उन्होंने विश्व कप में कुल 12 गोल दाग लिए हैं। ब्राजील के महान खिलाड़ी पेले ने अपने करियर में कुल 12 विश्व कप गोल दागे थे, और ऐसे में एमबापे ने अभी से ही उनकी बराबरी कर ली है।

3) गोल्डन ग्लव

फाइनल मैच में जीत के नायक रहे अर्जेंटीना के गोलकीपर एमिलियानो मार्टिनेज को बेहतरीन गोलकीपिंग के लिए गोल्डन ग्लव दिया गया। मार्टिनेज ने क्वार्टर-फाइनल में भी नीदरलैंड्स के खिलाफ शूटआउट में शानदार प्रदर्शन कर टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था।

इनके अलावा अर्जेंटीना के युवा खिलाड़ी एंजो फर्नान्डिज को 'यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया। वह दक्षिण अमेरिका के पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें यह अवॉर्ड दिया गया है। प्रतियोगिता का आखिरी अवॉर्ड Fair Play Trophy थी जो इंग्लैंड की टीम को दी गई।