इंडियन सुपर लीग के मौजूदा सीजन के पहले प्लेऑफ मुकाबले में बेहद नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। बेंगलुरु एफसी ने केरला ब्लास्टर्स को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन मैच के आखिरी पलों में केरला ब्लास्टर्स की टीम मैदान से बाहर आ गई और उनके बिना ही बेंगलुरु को विजेता घोषित किया गया। केरला ब्लास्टर्स के कोच ईवान वुकोमानोविच बेंगलुरु को मिली फ्री किक को लिए जाने के अंदाज से नाखुश थे जिस कारण उन्होंने टीम के खिलाड़ियों को मैदान से वॉकआउट करवाया।
दरअसल बेंगलुरु के कांतिवीरा स्टेडियम में केरला और बेंगलुरु के बीच नॉकआउट का पहला मैच खेला गया। जीतने वाली टीम को सेमीफाइनल में जगह मिलनी थी। मैच के दौरान 90 मिनट तक कोई टीम गोल नहीं कर पाई। इंजरी टाइम में भी 6 मिनट तक कोई गोल नहीं हुआ। इसके बाद 97वें मिनट में बेंगलुरु को फ्री किक मिली, जिसे लेने की तैयारी टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने की। लेकिन इससे पहले कि केरला के डिफेंडर अपनी जगह ले पाते या तैयार हो पाते, सुनील ने गेंद को गोल की तरफ मार दिया और गेंद गोल पोस्ट के अंदर चली गई। केरला के फैंस और खिलाड़ी तब हैरान हुए जब रेफरी ने इसे गोल घोषित कर दिया।
छेत्री के गोल ने बेंगलुरु को सेमीफाइनल के करीब पहुंचा दिया था लेकिन केरला के कोच और खिलाड़ी इस फैसले से नाखुश थे। ऐसे में जब रेफरी ने अपना फैसला नहीं बदला तो कोच वुकोमानोविच ने टीम को मैदान से बाहर आने का इशारा किया, सभी खिलाड़ी बाहर आ गए। स्टेडियम में मौजूद केरला के फैंस ने अपने कोच और टीम का ही साथ दिया। इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम के बाद बेंगलुरु 7 मार्च को मुंबई के खिलाफ होने वाले पहले सेमीफाइनल में पहुंच गई है। लेकिन अब सोशल मीडिया पर वुकोमानोविच के कदम के कारण जबरदस्त बहस चल रही है।
केरला ब्लास्टर्स के समर्थक जहां वुकोमानोविच के फैसले को सही ठहरा रहे हैं और खराब फैसलों के लिए रेफरी पर निशाना साध रहे हैं तो वहीं कई फैंस सुनील छेत्री पर भी खेल भावना के विपरीत गोल लेने का आरोप लगा रहे हैं। बेंगलुरु के फैंस केरला की हार पर उनकी चुटकी ले रहे हैं और उनके कोच की हरकत को गलत बता रहे हैं। माना जा रहा है कि ईवान को इस तरह का कदम उठाने के लिए ISL की ओर से सजा भी मिल सकती है।