इस साल नंवबर-दिसंबर में कतर में आयोजित होने वाले फुटबॉल विश्व कप को लेकर नीदरलैंड की राष्ट्रीय टीम के कोच ने बड़ा बयान दिया है। 2010 की उपविजेता नीदरलैंड के कोच लुई वैन गॉल ने फीफा पर लालच का आरोप लगाते हुए कहा है कि फीफा ने कतर में विश्वकप मेजबानी सिर्फ पैसों के लिए दी है।
गॉल ने डेनमार्क और जर्मनी के साथ अपनी टीम के दोस्ताना मैचों को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेहद स्पष्टता से फीफा पर आरोप लगाया। फुटबॉल की सबसे बड़ी गवर्निंग बॉडी फीफा की ओर से साल 2010 में कतर को 2022 विश्व कप के लिए चुना गया था और तभी से लगातार अपने मजदूरों से अधिक काम कराए जाने, छोटी उम्र के कारीगर रखने जैसे कई मुद्दों पर कतर की आलोचना होती रही। हालांकि फीफा ने हमेशा यही कहा कि कतर को मेजबानी देने का मकसद कतर और अन्य मध्य एशियाई देशों में फुटबॉल के विकास का है। अब गॉल ने कतर की मेजबानी पर सवाल पूछे जाने पर जवाब दिया कि फीफा का इकलौता मकसद पैसे को लेकर था और फुटबॉल के विकास को लेकर उनके दावे बिलकुल झूठे हैं।
गॉल का गुस्सा यहीं नहीं थमा। उन्होंने कहा कि सभी फीफा के असली इरादे जानते हैं और अपनी टीम के कतर जैसे देश में खेलने को भी दुखद बताया। टूर्नामेंट 21 नंवबर से 18 दिसंबर तक कतर में आयोजित होगा जिसके लिए स्टेडियम, होटल, आदि तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। नीदरलैंड की टीम तीन बार साल 1974, 1978, 2010 में विश्व कप के फाइनल में पहुंची जहां टीम को हार का सामना करना पड़ा। टीम ने आखिरी बार 2014 में विश्व कप खेला था जहां वह तीसरे नंबर पर रही जबकि पिछली बार 2018 के विश्व कप के लिए टीम क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। इस बार के लिए टीम ने पहले ही क्वालीफाई कर लिया है।