ओडिशा एफसी ने गुरुवार को हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन के मैच में केरला ब्लास्टर्स के साथ 2-2 से बाजी ड्रॉ कराई। फटोर्डा के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में ओडिशा एफसी की तरफ से डिएगो मौरिसियो ने 45वें और 74वें मिनट में गोल दागे। केरला ब्लास्टर्स की तरफ से जॉर्डन मरे ने 52वें और गैरी हूपर ने 68वें मिनट में गोल दागे। हूपर ने पहले गोल में भी सहायक की भूमिका निभाई थी।
केरला ब्लास्टर्स ने 17 मैचों में सातवीं बार ड्रॉ मुकाबला खेला और 16 अंकों के साथ आईएसएल की अंक तालिका में वह 9वें स्थान पर है। केरला ब्लास्टर्स ने एससी ईस्ट बंगाल को 10वें नंबर पर खिसका दिया है। वहीं ओडिशा एफसी की टीम आखिरी स्थान पर काबिज है।
ओडिशा एफसी की टीम इस मैच में तीन जबकि केरला ब्लास्टर्स दो बदलाव के साथ उतरी। पहले हाफ में ज्यादातर प्रहार केरला ब्लास्टर्स की तरफ से हुए। मगर गोल शीट पर पहला नाम ओडिशा एफसी के डिएगो मौरिसियो ने दर्ज कराया। केरला ब्लास्टर्स ने मैच के दूसरे मिनट में ही मौका बनाने की कोशिश की। विसेंटे गोमेज ने बॉल को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की, हालांकि गैरी हूपर ऑफसाइड पाए गए। दोनों टीमों के बीच मैच जिस तरह आगे बढ़ रहा था, उसे देखकर प्रतीत हो रहा था कि हाफ टाइम तक स्कोर 0-0 रहेगा। मगर लेकिन मौरिसियो ने 45वें मिनट में राइट कॉर्नर से जैरी के असिस्ट पर शानदार गोल करते हुए हाफ टाइम की समाप्ति तक ओडिशा एफसी को 1-0 की बढ़त दिला दी। मौरिसियो का यह सीजन का आठवां गोल है और वह इस सीजन में ओडिशा के टॉप स्कोरर बने हुए हैं।
ओडिशा एफसी पर केरला ब्लास्टर्स का जवाबी हमला
केरला ब्लास्टर्स ने दूसरे हाफ में अपने आक्रमण तेज किए। इसका फायदा उसे मैच के 52वें मिनट में मिला जब जॉर्डन मरे ने हूपर की सहायता लेते हुए गोल दागा। तभी स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। केरला ब्लास्टर्स ने आक्रमण में तेजी बरकरार रखी और 68वें मिनट में 2-1 की बढ़त बनाई। हूपर ने आईएसएल में अपना 50वां मैच खेल रहे मिडफील्डर सहल अब्दुल समद के असिस्ट पर किया।
हालांकि केरला की यह बढ़त ज्यादा देर तक कायम नहीं रख पाई और ओडिशा ने मौरिसियो के मैच के दूसरे गोल के दम पर स्कोर 2-2 से बराबरी पर ला दिया। मौरिसियो ने अपना और ओडिशा का मैच का दूसरा गोल 74वें मिनट में ब्रैंडन इनमैन के असिस्ट पर किया।
इसके बाद दोनों ही टीमें इंजुरी टाइम में भी बढ़त नहीं ले पाई और उन्हें 2-2 से ड्रॉ खेलकर अंक बांटने के लिए मजबूर होना पड़ा।