भारतीय फुटबॉल की दुनिया में एक बड़ी खबर सामने आई है। इंग्लिश फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाईटेड भारत के पुराने क्लबों में शामिल ईस्ट बंगाल की ओनरशिप प्राप्त कर सकता है। खबरों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने इस बात को एक स्थानीय बंगाली अखबार के साथ साझा किया है। ईस्ट बंगाल के फैन रहे गांगुली का बंगाल फुटबॉल में काफी दखल है और खबरों के मुताबिक वो ही मैनचेस्टर यूनाईटेड और ईस्ट बंगाल के बीच इस डील को लेकर बातचीत करवा रहे हैं।
बंगाली अखबार संगबाद प्रतिदिन के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि दोनों क्लबों के ऑफिशियल्स के बीच लगातार बातचीत चल रही है। कुछ दिन पहले भी दोनों क्लबों के बीच पार्टनरशिप की खबरें बाजार में गर्म थीं। लेकिन मौजूदा खबरों के मुताबिक गांगुली ने दावा किया है कि यूनाईटेड बतौर पार्टनर नहीं, बल्कि मालिक के तौर पर साल 1920 में बने इस क्लब का टेकओवर करने को तैयार है। माना जा रहा है कि भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता को देखते हुए इंग्लशि क्लब ये कदम उठाने को तैयार है। हालांकि इस संबंध में दोनों क्लबों की ओर से कोई आधिकारिक स्टेटमेंट जारी नहीं हुआ है, लेकिन सोशल मीडिया पर फुटबॉल प्रेमियों ने इस खबर के आने के बाद से ही अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरु कर दिया है।
कई फुटबॉल प्रेमी ईस्ट बंगाल के और भारत में क्लब फुटबॉल के बेहतर भविष्य को देखते हुए इस संभावना से काफी खुश हैं लेकिन कई फैंस मैनचेस्टर यूनाईटेड के दखल से नाराज हैं। यहां तक कि इस सीजन प्रीमियर लीग में छठे नंबर पर रहने वाली यूनाईटेड के खराब प्रदर्शन के लिए कुछ फैंस इस तरह की डील को कारण बता रहे हैं। फिलहाल यूनाईटेड और ईस्ट बंगाल की डील पर खबर पक्की होने में कुछ हफ्तों का समय लग सकता है।
परेशानी में है ईस्ट बंगाल
कुछ हफ्तों पहले ही ईस्ट बंगाल ने श्री सीमेंट लिमिटेड के साथ करार खत्म किया था और कंपनी ने स्पोर्टिंग राइट पूरी तरह ईस्ट बंगाल को वापस सौंप दिए। टीम ISL के इस सीजन 11 टीमों में सबसे आखिरी स्थान पर रही थी। पिछले साल नवंबर में यूनाईटेड की ओर से एक दल विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री से मुलाकात कर चुका है। ऐसे में क्लब की ओर से क्या फैसला लिया जाता है ये कुछ हफ्तों में साफ होने की संभावना है।