भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि उनके करियर के सर्वश्रेष्ठ मैचों में से एक है, जिसमें वो नहीं खेले थे- विश्व कप क्वालीफायर में एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ मुकाबला। पिछले साल भारत ने 2022 विश्व कप के मेजबान कतर के खिलाफ दोहा में शानदार ड्रॉ मुकाबला खेला था।
सुनील छेत्री बुखार की वजह से इस मैच में हिस्सा नहीं ले सके थे। सुनील छेत्री ने कहा कि उन्होंने इस मैच में खेलने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, लेकिन उनके शरीर ने उन्हें स्टेडियम तक जाने की अनुमति नहीं दी। सुनील छेत्री ने होटल के कमरे में टीवी पर मैच का लाइव प्रसारण देखा था।
सुनील छेत्री ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा, 'मैं हजार बार मैदान पर जाकर अपनी टीम का समर्थन करना पसंद करता न कि बाहर बैठकर दर्शक बनना। अंत में दोनों टीमों ने गोल करने के लिए भरपूर आक्रमकता दिखाई। मैं भी बहुत उत्साहित था और पागलों जैसे चिल्ला रहा था। इस मुकाबले को लेकर काफी चिंता थी।'
भारत इस मुकाबले में अंडरडॉग बनकर उतरा था, लेकिन बेहतरीन प्रदर्शन के सहारे उसने घरेलू टीम को हैरान कर दिया था। मेहमान टीम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, जो इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा गोल करने वालों में दूसरे स्थान पर हैं, सुनील छेत्री को मैच के दौरान एक्शन के हर पल की कमी खली।
सुनील छेत्री ने लिखा, 'अंत में जब रेफरी ने फाइनल व्हिसल बजाई तो मैं काफी भावुक हो गया। लड़कों ने फैंस के साथ जश्न मनाया, मैं अपने कमरे में खुशी से कूद रहा था। ऐसा हर दिन नहीं होता जब आप एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम को उसके घर में ड्रॉ पर रोक सकें। कतर वो टीम थी, जिसने प्रत्येक एशियाई विरोधी टीम के खिलाफ उस साल गोल किए थे। मैं इतने सालों में जितने भी मुकाबलों का हिस्सा रहा, उसमें से यह मुकाबला मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ है।'
सुनील छेत्री को नहीं थी ऐसी उम्मीद
भले ही सुनील छेत्री राष्ट्रीय टीम की कई जीत का हिस्सा रहे, लेकिन उनका मानना है कि कतर के खिलाफ ड्रॉ कराने की उम्मीद उन्हें न के बराबर थी। 35 साल के सुनील छेत्री ने लिखा, 'इस नतीजे को एक साल हो गया है। मुझे अभी याद करना मुश्किल है कि कितनी बार मुझे वैसा महसूस हुआ, जैसा दोहा में उस रात मुझे महसूस हुआ था। मैं अपने टीम के साथियों के साथ मैदान पर नहीं था। मगर जिस तरह उन्होंने खेला और जो दिल दिखा, उन्होंने जिंदगीभर के लिए खुशनुमा याद मुझे दे दी।'