भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण मिले ब्रेक से उन्हें पेशेवर फुटबॉल के दौरान लगी चोट और दर्द से निजात मिली। 36 साल के सुनील छेत्री अपने क्लब और देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। भले ही ब्रेक के शुरूआती समय में वह बैचेन हुए, लेकिन जल्द ही एहसास हुआ कि इसकी तो उन्हें बहुत जरूरत थी। छेत्री ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, 'मुझे एहसास हुआ कि ब्रेक एक स्वागतपूर्ण बदलाव के रूप में आया क्योंकि आपको कभी शरीर के विशेष भाग या मूवमेंट को ट्रेन करने का समय नहीं मिलता। मुझे जानने को मिला कि किस दर्द को मैं नजरअंदाज कर रहा था। मुझे याद नहीं कि पिछले कई सालों में मैंने कभी दर्द के बिना पूरा मुकाबला खेला हो।'
बेंगलुरु एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने खुलासा किया कि वह 2019 एएफसी एशियाई कप के बाद से हैमस्ट्रिंग की चोट से जूझ रहे थे। ब्रेक के कारण वह इस समस्या से उबर सके और इससे उन्हें यह जानने में भी मदद मिली कि शरीर के किन भागों में उन्हें काम करने की जरूरत है। सुनील छेत्री ने कहा, 'यह दावा नहीं कर रहा हूं कि मैं अब दोबारा ढेर सारे गोल करूंगा, लेकिन शारीरिक तौर पर मुझे बेहतर महसूस हो रहा है। मुझे आराम के महत्व का एहसास हुआ है, विशेषकर इस उम्र में।'
सुनील छेत्री को रोनाल्डो से मिली प्रेरणा
सुनील छेत्री ने कहा कि पुर्तगाल के स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने उन्हें प्रेरित किया है कि वह 35 की उम्र पार करने के बावजूद लगातार बेहतर प्रदर्शन कर सकें। सुनील छेत्री ने कहा, 'मैंने सोशल मीडिया पर रोनाल्डो की डाइट, ट्रेनिंग और देखा कि कैसे वह दिन सुधार करने को पागल रहते हैं। यह ऐसी चीज है जो मुझे उनसे सीखने को मिली है। जब आप किसी खेल को कई सालों तक खेलो, तो आपको काफी ज्ञान मिल जाता है। 17 साल की उम्र में आपकी खेलने की जिस तरह की इच्छा होती है, अगर उसी इच्छा के साथ आप आगे बढ़ते हो तो जिस प्रकार की जानकारी आजकल उपलब्ध है, शीर्ष खिलाड़ियों को इससे मदद मिलती है।'
सुनील छेत्री ने कहा कि उनका ध्यान इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के आगामी सीजन पर लगा है, जिसकी शुरूआत नवंबर में होना है और इसके मुकाबले गोवा के तीन स्थानों पर बिना दर्शकों के खेले जाएंगे। सुनील छेत्री ने कहा, 'कड़ी परीक्षण होगा क्योंकि माहौल काफी सख्त होगा। आपके माध्यम से मैं सभी लड़कों को कहना चाहूंगा कि जो भी इसमें शामिल होने जा रहे हैं कृपया समझदार रहे। युवाओं के लिए विशेषकर जैव-सुरक्षित माहौल में पांच-छह महीने के लिए रहना आसान नहीं है। मेरे जैसे लोग एक कमरे में बैठने को तैयार हो जाएंगे और आरात करेंगे, लेकिन लीग की सुरक्षा के लिए हम सभी को समझदार बनने की जरूरत है।'
Published 17 Sep 2020, 15:27 IST