यूरोप में फुटबॉल की 10 सबसे महंगी क्लब टीमें

most-expensive-squads-europe-liverpool-1475518992-800

पिछले कई दशकों में फुटबॉल की लोकप्रियता काफी तेज गति से बढ़ी है, और ऐसे में बिजनेस मॉडल के बिना किसी भी क्लब का लंबे समय तक चलना लगभग नामुमकिन है। बेहतरीन और दिलचस्प खेल के लिए ही तमाम क्लब इतनी ज्यादा मात्रा में मोती रकम खर्च भी करते हैं, खासौतर पर प्रीमीयर लीग में क्लब के मैनेजर लंबी सोच रखते हुए इस बात पर बहुत ध्यान देते हैं, कि किसे टीम के लिए खरीदना है और किसे नहीं। दरअसल, इन्हीं प्रयासों में एक खिलाड़ी जब दूसरे क्लब द्वारा खरीदा जाता है, तो फिर भारी भरकम राशी का आदान-प्रदान भी देखने को मिलता है। इसके साथ ही टेलीविज़न राइट्स भी कई बार ऐसे दामों में तय किए जाते हैं, कि वो भी इतिहास के सारे आंकड़ों को पीछे छोड़ देते हैं। तो फिर वो कौनसा क्लब है जो पैसों के लेन-देन और अपनी टीम की मजबूती के लिए बड़ी रकम खर्च करता है, आइये जानते हैं:


#10 लिवरपूल : 356 मिलियन पाउंड

एक मैनेजर के तौर पर सालों से गलत खिलाड़ियों को चुनने के बाद, लिवरपूल आखिरकार सही फैसले लेने में तब कामयाब हुआ, जब पिछले सत्र में टीम के साथ जुड़े जर्गेन क्लॉप। दरअसल, क्लॉप के आने के बाद ही लिवरपूल के फैंस और एनफील्ड के लिए एक नए दौर की शुरूआत हुई। जहां सबके चेहरे पर मुस्कान फिर से वापस लौटी। क्लॉप ने पहले उन खिलाड़ियों को दल से बाहर किया, जिनकी टीम को जरूरत नहीं थी, और फिर उन खिलाड़ियों को लेकर जो कामयाबी पाने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। उन्होंने इस दौरान कई खिलाड़ियों को क्लब में शामिल किया, जिनमें सबसे पहले साइन किया गया सेडियो मेन को (€41.2 मिलियन पाउंड) औऱ फिर बारी थी जिऑर्जिनियो विजनाल्दम (€27.5 मिलियन पाउंड), की। इन्ही खिलाड़ियों के साथ क्लब का भविष्य बेहतर करने में क्लॉप का पूरा समय व्यस्त रहा। इनके साथ-साथ जिन खिलाड़ियों को पहले के मैनेजर्स ने खरीदा था, जिनमें रोबर्टो फिरमिनो और एडम ललाना का नाम शामिल थे, इन खिलाड़ियों की शुमारी ने ही इस क्लब की कीमत को इतना ऊपर पहुंचाया की यूरोप के 10 सबसे महेंगे क्लबों में ये क्लब 10वें स्थान पर है। #9 बेयर्न म्युनिख : 357 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-bayern-munich-1475519084-800 सबसे खास बात बुंदेसलीगा में यह रही कि बेयर्न म्युनिख ने पिछली चार चैंपियनशिप अपने नाम की, वो भी लगातार और इस टीम के करीब इस दौरान कोई और टीम नहीं आ सकी। बेयर्न को छोड़ दें तो बॉरूसिया डॉर्टमंड एकलौती ऐसी टीम है जो इस खिताब को जीत पाई है। लेकिन तमाम खिताबों के बाद परेशानी म्युनिख के लिए यह रही है कि इस टीम के खिलाड़ी ज्यादा वक्त तक अपने टीम के साथ जुड़े नहीं रह पाते और ये टीम हर बार औऱ हर नए सत्र में अपनी नई टीम को बनाने की कोशिशों में ही लगी रहती है! अब आर्थिक तौर पर बेयर्न के पास ये क्षमता है कि वो अपने पसंद के खिलाड़ियों को खरीद सके, और इन्होंने ऐसे किया भी है, इस टीम ने ऐसे खिलाड़ियों को इकट्टा किया है जो किसी भी टीम को किसी भी दिन हराने का दम रखती है, इस टीम में अनुभवी खिलाड़ी के रूप में कार्लो एनसेलोटी मौजूद हैं औऱ इसलिए 2013 के बाद तीनों मुख्य खिताबों को अपने नाम करने के बाद ये टीम इस बार चैंपियंस लीग जरूर जीतना चाहेगी। इसके साथ-साथ अगर सबसे कीमती खिलाड़ियों पर नजर डाली जाए तो वो जावी मार्टीनेज हैं, जिन्हें 40 मीलियन पाउंड में खरीदा गया था। इसके साथ ही आर्टुयुरो विडाल को 37 मीलियन पाउंड रेनाटो सेंचेज 35 मीलियन पाउंड और इसमें डॉगलस कोस्टा और मैनुअल न्यूअर के 30 मिलियन पाउंड भी मिला लिए जाएं तो आपको इस पूरी टीम में काफी गहराई और ताकत देखने को मिलेगी। #8 आर्सनल : 381 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-arsenal-1475519156-800 भयानक कर्ज के बीच एमिरेट्स स्टेडियम की तरफ रुख कि वजह से आर्सनल खर्चे के मामले अपना हाथ थोड़ा पीछे ही रखकर चला है । यूरोप के क्लबों की तुलना में ये क्लब हमेशा से काफी कम पैसा खर्च करता आया है। लेकिन 2013 में नए व्यवसायिक सौदों और TV रेवेन्यू से भारी पैसा कमाने के बाद इस टीम ने ट्रांसफर मार्केट में काफी पैसा खर्च किया और फिर से ट्रॉफियां जीतनी भी शुरू की। आर्सिन वेंगर अब भी पैसा खर्च के मामले में कतराते हैं, लेकिन बीते कुछ समय में वेंगर ने क्लब के फायदे के लिए पैसा खर्च किया इस बात में भी कोई शक नहीं, और तभी आर्सनल वो टीम बनकर निकली जिसे आज के दिन में लीग की किसी भी टीम के सामने खड़ा करके जीत की उम्मीद लगाई जा सकती है। मेसुत ओजिल 2013 में इस क्लब में जुड़ने वाले सबसे महंगे खिलाड़ी थे। जिन्हें इस क्लब ने 47 मिलियन पाउंड में साइन किया था। इसके बाद अगले दो सीजन में पहले बार्सिलोना से एलेक्सिस सांचेज़ 42.5 मिलीयन पाउंड आर्सनल से जुड़े तो वहीं पीटर चेक को भी अच्छी खासी रकम के साथ टीम का हिस्सा बनाया गया। इसके बाद गर्मियों में आर्सनल का हिस्सा बने ग्रेनिट जाका जिन्हें 45 मीलियन पाउंड देकर टीम में लाया गया। तो वहीं स्कोरद्रन मुस्ताफी को 41 मीलियन पाउंड देकर खरीदा गया और अब जाकर ये पूरी टीम शानदार खिलाड़ियों से भरी नजर आती है। #7 युवेंटस : 395 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-juventus-1475519216-800 युवेंटस दरसल उन क्लबों में से है जिन्होंने अपना स्टेडिम खुद बनाया है, लेकिन इस दौरान उन्हें इटेलियन सीरी ए के दौरान काफी सफलता भी मिली और इस दौरान उनके साथ कई टीमें ऐसा करने में नाकाम रहीं। ट्युरिन की इस टीम ने पिछले 5 सालों में पांचों लीग अपने नाम की और वो भी बिना किसी कड़े मुकाबले के। एसी मिलान और इंटरमिलान भी इस मजबूत टीम को कोई चुनौती नहीं दे पाई जबकि नेपोली भी खिताबी जीत से दूर ही रही। युवेंटस ने भी ट्रांसफर मार्केट में काफी पैसा खर्च किया और अपनी टीम को वो इस काबिल बनाने में वो कामयाब रहे कि आज उनकी टीम के बराबर ताकत किसी और टीम में नजर नहीं आती। सिर्फ चैंपियंस लीग की ट्रॉफी को छोड़ दिया जाए, तो और ऐसी कोई ट्रॉफी नहीं जो इस टीम की कैबिनेट में न हो, लेकिन बीते कुछ सालों में इस टीम ने काफी नए खिलाड़ियों को टीम में जगह दी है। इस दौरान उनकी सबसे बड़ी साइनिंग रहे गोल्डन बूट विनर गोनजालो हिग्वैन जिन्हें इस टीम ने नेपोली से 90 मीलियन पाउंड की रिकॉर्ड रकम में खरीदा थी। उन्हीं के अपने देश के पाउलो डिबाला को पिछले सीजन में पलेरमों ने 32 मीलियन पाउडं में खरीदा था, और इस साल मिरालेम प्जेनिक पर भी इतनी ही राशी खर्च की गई। बात इससे हटकर करें तो जीजी बुफॉन सबसे महंगे गोलकीपर के रूप में बिके और इससे ये बात तो साफ होती है कि जहां युवेंटस को सही खिलाड़ी मिले, वहां ये क्लब पैसे लगाने से कभी नहीं चूका है। #6 पेरिस सेंट जर्मन : 455 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-psg-1475519651-800 PSG के उदय से पहले फ्रेंच लीग 1 सबसे बेहतर और यूरोप की पांच सबसे मुश्किल लीग में से एक थी, और 2007 से 2012 तक 6 अलग-अलग क्लबों ने इस लीग को अपने नाम किया। लेकिन फिर 2011 में कतर स्पोर्ट्स इनवेस्टमेंट से जुड़ेने के बाद 2012/13 से इस लीग को अपने नाम करती आ रही है पेरिस सेंट जर्मन। मध्य एशिया के इस ग्रुप ने क्लब पर जमकर पैसा लगाया और इस क्लब को खिताब जीतने वाले क्लबों की सूची में लाकर खड़ा कर दिया। डोमस्टिक क्वाडराप्लस (4 होमसीरीज जीतना) ये ऐसा शब्द है जो इस टीम के साथ अब जुड़ चुका है। एडिंसन कवानी इस क्लब के लिए सबसे कीमती खिलाड़ी रहे जिसे इस क्लब ने 64.5 मिलियन पाउंड में खरीदा था। इसके बाद एंजल डी मारिया 63 मीलियन पाउंड, जेवियर पेस्तोरे को 42 मिलियन पाउंड, थियागो सिल्वा 42 मिलियन पाउंड, लुकस माउरा 40 मिलियन पाउंड और ग्रजेगोर्ज क्राईचोविएक को 33.6 मिलियन पाउंड में अपनी टीम का हिस्सा बनाया और तब जाकर ये टीम वो टीम बनी जो हर बड़ी ट्रॉफी की आज दावेदार मानी जाती है। #5 चेल्सी : 481 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-chelsea-1475519801-800 जबसे रोमन एब्राउमिच प्रीमीयर लीग का हिस्सा बने हैं तबसे फुटबॉल हमेशा के लिए बदल चुका है। दरअसल, इस शख्स को ही फुटबॉल में पैसे के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार माना जाता है, इस बेताब रसियन बिजनेसमैन ने कभी पैसों को ज्यादा महत्वता नहीं दी। उन्होंने हमेशा एक मजबूत टीम बनाने की तरफ जोर दिया, फिर चाहे पैसा कितना ही खर्च क्यों न हो। उन्होंने इस दौरान कई बड़े फैसले भी लिए जहां उन्होंने कई मैनजर्स को निकाला तो कइयों को नए मौके भी दिए। एडन हैजार्ड को क्लब में लाने से पुराने सारे रिकॉर्ड भले ही न टूटे हों, लेकिन फिलहाल वो इस क्लब के सबसे महंगे खिलाड़ी है। उन्हें क्लब ने 40 मिलियन डॉलर की रकम देकर खरीदा था। इसके बाद मिकी बेटसुयाई को 39 मिलियन पाउंड और डेविड लुइज को 38.5 मिलियन पाउंड में चेल्सी की टीम का हिस्सा बनाया और चेल्सी इस साल पांचवे पायदान पर मौजूद है। इसके साथ ही अगर डिएगो कोस्टा (38 मिलियन पाउंड) एन’गोलो कान्टे (35.8 मिलियन पाउंड) विलियम (35.5 मिलियन पाउंड) और सेस्क फैबरागास (33 मिलियन पाउंड) और एनटोनियो कॉन्टे जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी ने इस क्लब को पहले से कहीं बेहतर और ताकतवर बनाया है। हालांकि इसके बाद भी हर कोई यही मान रहा है कि चेल्सी को और मजबूत करने के लिए इसमें और खिलाड़ियों को जोड़ने की जरूरत है और खासतौर पर डिफेंस के क्षेत्र में। #4 बार्सिलोना : 485 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-barcelona-1475519854-800 पिछले 10 सालों में चैंपियंस लीग का खिताब बार्सिलोना से ज्यादा किसी टीम ने नहीं जीता और 2006 के बाद ये टीम 4 बार इस खिताब को अपने नाम कर चुकी है। इस क्लब ने खिलाड़ियों पर काफी पैसा खर्च किया है और इस क्लब ने दोनों तरफ से संतुलन कायम किया है। जहां इस क्लब ने बाहर से भी खिलाड़ियों को खरीदा और ला मासिया एकेडमी से टीम में कुछ नए खिलाड़ियों को भी जगह दी। उन्हें अपने भाग्य का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि उन्हें कभी भी 5 बार के फीफा बेलॉन डी ऑर विजेता लियोनेल मेसी के लिए कभी भी ज्यादा पैसा खर्च नहीं करना पड़ा। लेकिन इस टीम ने अपने दो दक्षिणी अमेरिका के स्टार खिलाड़ियों के लिए काफी पैसा खर्च किया है। नेमार के लिए जहां बार्सिलोना ने (88.2 मिलियन पाउंड) खर्च किए तो वहीं लुइस सुआरेज के लिए बार्सिलोना को (81.7 मिलियन पाउंड) खर्च करने पड़े। अब इन तीनों के एक साथ मैदान पर उतरने के बाद बार्सिलोना का जलवा मैदान पर कायम है। तीनों को एक साथ MSN के तौर पर जाना जाता है और 2014/15 के सीजन में तीनों ने एक साथ 122 गोल दागे और 66 असिस्ट (गोल करने से पहले दिया गया आखिरी पास) भी इन तीनों के नाम दर्ज हैं। इसके साथ-साथ पिछले दो सीजन में जो सबसे महंगे खिलाड़ी बार्सिलोना में आए वो थे आंद्रे गोमेज (35 मिलियन पाउंड) आर्दा टूरन (34 मिलियन पाउंड) और पेको अलकेसर (30 मिलियन पाउंड) जिस वजह से ही फुटबॉल की दुनिया पिछले कई सालों में इस टीम का बोलबाला रहा है। #3 मेनचेस्टर सिटी : 611 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-manchester-city-1475520011-800 मेनचेस्टर सिटी दरसल उन क्लबों में से है जिसकी सफलता काफी हद तक चेल्सी से प्रेरित है। लेकिन चेल्सी से बेहतर इस टीम ने ये किया कि खिलाड़ियों को खरीदने में इस टीम ने कोई कंजूसी नहीं दिखाई, और इसलिए नतीजे इस टीम के लिए बेहतर साबित हुए। कई विपरीत परिस्थितियों में इस क्लब ने कई महंगे लेकिन अच्छे फैसले लिए और इसलिए जल्द ही ये टीम उन हालातों से निकलने में भी कामयाब रही। एक वक्त था जब सर्जियो एग्वेरो को इस क्लब ने 40 मिलियन पाउंड में खरीदा था और ये इस क्लब की तरफ से किसी खिलाड़ी को दी गई सबसे महंगी रकम थी, और ये बात है साल 2011 की। लेकिन अब उनका नाम सर्वश्रेष्ठ पांच में भी नहीं है और ऐसा मैनुअल पैलीग्रिनी और पेप गार्डिओला के दौर में भी रहा। अभी के दौर में केविन डी ब्रून इस क्लब के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं और बेल्जियम के इस खिलाड़ी को वोल्फबर्ग से 74 मिलियन पाउंड की भारी भरकम रकम देकर खरीदा गया। वहीं रहीम स्टर्लिंग (62.5 मिलियन पाउंड) जॉन स्टोन्स (55.6 मिलियन पाउंड),.लिरॉए शेन (50 मिलियन पाउंड) और निकोलस ओटमेंडी (44.6 मिलियन पाउंड) देकर टीम में लाया गया। ये सभी वो खिलाड़ी थे जिन्हें टीम में लाने के लिए भारी भरकम रकम दी गई थी और इसलिए पिछले साल के मुकाबले इस साल क्लब की कीमत में 78 मिलियन पाउंड का इजाफा देखने को मिला है। #2 रियल मैड्रिड: 634 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-real-madrid-1475520091-800 इस बात में कोई संदेह नहीं कि रियल मैड्रिड का नाम निश्चित तौर पर इस लिस्ट में सबसे ऊपर के दो-तीन क्लबों में शामिल होना था। दरअसल ऐसी कोई लिस्ट नहीं फुटबॉल की दुनिया में जहां रियल मैड्रिड का नाम न आए। ये टीम बड़े ट्रांसफर और भारी भरकम रकम के साथ खिलाड़ियों को खरीदती आई है। साल 2000 से लॉस ब्लेंकॉस ने हर साल रिकॉर्ड तोड़ रकम से खिलाड़ियों को खरीदा और ये सिलसिला 2015 तक चलता रहा है। गैरेथ बेल (101 मिलियन पाउंड) क्रिस्टियानो रोनाल्डो (94 मिलियन पाउंड) और जेम्स रॉड्रीग्यूज (75 मिलियन पाउंड) ये वो नाम है जिन्होंने फुटबॉल की दुनिया में तहलका मचा दिया था, और इस वक्त भी ये ट्रांसफर राशी इस क्लब के सबसे महंगे खिलाड़ियों में इन्हें शुमार रखती है। ला-लीगा में हालांकि इस टीम ने शानदार प्रदर्शन नहीं किया हो, लेकिन प्रीमियर लीग में इस टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है। पिछले 3 सालों में ये टीम 2 बार प्रीमियर लीग के फाइनल में पहुंचने में कामयाब भी रही है। इन तमाम मुकाबलों में इस टीम के लिए सबसे शानदार बात ये रही कि इस टीम ने अपनी धुर विरोधी टीम एटलेटिको मैड्रिड को फाइनल में दो बार हराया भी। तमाम महंगे खिलाड़ियों को छोड़कर जिन खिलाड़ियों को 30 मिलियन पाउंड से ज्यादा की रकम में खरीदा गया था उन खिलाड़ियों में पहला नाम करीम बेंजिमा (35 मिलियन पाउंड) डेनिलो (31.5 मिलियन पाउंड) मेटियो कोवेकिक (31 मिलियन पाउंड) फेबियो कोउंत्राउ, इस्को. पेपे, अल्वारो मोरेटा, लूका मौड्रिक और टोनी क्रूज इन तमाम खिलाड़ियों को रियल मैड्रिड ने 30 मिलियन पाउंड की राशी देकर अपनी टीम का हिस्सा बनाया और इसलिए पिछले सीजन के मुकाबले इस साल इस टीम की पूरी कीमत में 47 मिलियन पाउंड की वृद्धि देखने को मिली है। #1 मैनचेस्टर युनाइटेड : 718 मिलियन पाउंड most-expensive-squads-europe-manchester-united-1475520234-800 इंग्लैंड में पैसों के लेन-देन के लिहाज से अगर किसी क्लब का नाम सबसे ऊपर होना चाहिए तो वो है मैनचेस्टर युनाइटेड। हर सीजन में भारी भरकम पैसा खर्च करने के बाद भी ये क्लब हर साल भारी मुनाफे में रहता है, लेकिन उसकी वजह सिर्फ टीम का मैदान पर प्रदर्शन नहीं बल्कि व्यवसायिक सौदों के तौर पर उनकी मजबूती भी इसकी वजह है। सर एलेक्स फर्गुसन की कामयाबी के बाद क्लब ने बहुत सारे सौदों पर बातचीत की और उनमें कईयों को क्लब का हिस्सा भी बनाया जिससे ट्रांसफर मार्केट में क्लब को काफी फायदा मिला। लेकिन इन सब के बाद भी ये टीम अंतिम चार में पहुंचने के लिए झूझती रही और एक ही बार चैंपियंस लीग में जगह बना पाई। अब इस साल की गर्मियों में इस क्लब ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया है। जहां इस क्लब में नए मैनेजर के तौर पर जौशे मरिन्हो ने जुवेंटस से पॉल पोग्बा को 105 मिलियन पाउंड में खरीदा और इस टीम को नई तरह से गढ़ने का फैसला किया है। तो वहीं पिछले साल एंथनी मार्शल 50 मिलियन पाउंड में मैनचेस्टर युनाइटेड का हिस्सा बने और जुआन माटा (44.7 मिलियन पाउंड) में इस टींम से जुड़े और तीसरे इस क्लब के लिए सबसे महंगे खिलाड़ी साबित हुए। हैनरिख मेखितरियान (42 मिलियन पाउंड) और एरिक बैली (38 मिलियन पाउंड) को इसी सीजन में खरीदा गया वहीं और महंगे खिलाड़ियों में ल्यूक शॉ (37.5 मिलियन पाउंड) वेन रूनी (37 मिलियन पाउंड) एंडर हरेरा (36 मिलियन पाउंड) मॉर्गन शिनीडर्लीन (35 मिलियन पाउंड ) मेमफिश डिपे (34 मिलियन पाउंड) और मराउना फैलानी (32.4 मिलियन पाउंड) मौजूद हैं। किसी और टीम ने अपने दल को बनाने में इतना पैसा खर्च नहीं किया जितना की मैनचेस्टर युनाइटेड ने किया है, और इन रेड डेविल्स ने इस सीजन में पिछले सीजन के मुकाबले 185 मिलियन पाउंड ज्यादा खर्च किए हैं। वो भी तब जब इस टीम ने ज्लाटन इब्राउमिच को मुफ्त में टीम का हिस्सा इसी सीजन में बनाया है।