मिलियन पाउंड सबसे खास बात बुंदेसलीगा में यह रही कि बेयर्न म्युनिख ने पिछली चार चैंपियनशिप अपने नाम की, वो भी लगातार और इस टीम के करीब इस दौरान कोई और टीम नहीं आ सकी। बेयर्न को छोड़ दें तो बॉरूसिया डॉर्टमंड एकलौती ऐसी टीम है जो इस खिताब को जीत पाई है। लेकिन तमाम खिताबों के बाद परेशानी म्युनिख के लिए यह रही है कि इस टीम के खिलाड़ी ज्यादा वक्त तक अपने टीम के साथ जुड़े नहीं रह पाते और ये टीम हर बार औऱ हर नए सत्र में अपनी नई टीम को बनाने की कोशिशों में ही लगी रहती है! अब आर्थिक तौर पर बेयर्न के पास ये क्षमता है कि वो अपने पसंद के खिलाड़ियों को खरीद सके, और इन्होंने ऐसे किया भी है, इस टीम ने ऐसे खिलाड़ियों को इकट्टा किया है जो किसी भी टीम को किसी भी दिन हराने का दम रखती है, इस टीम में अनुभवी खिलाड़ी के रूप में कार्लो एनसेलोटी मौजूद हैं औऱ इसलिए 2013 के बाद तीनों मुख्य खिताबों को अपने नाम करने के बाद ये टीम इस बार चैंपियंस लीग जरूर जीतना चाहेगी। इसके साथ-साथ अगर सबसे कीमती खिलाड़ियों पर नजर डाली जाए तो वो जावी मार्टीनेज हैं, जिन्हें 40 मीलियन पाउंड में खरीदा गया था। इसके साथ ही आर्टुयुरो विडाल को 37 मीलियन पाउंड रेनाटो सेंचेज 35 मीलियन पाउंड और इसमें डॉगलस कोस्टा और मैनुअल न्यूअर के 30 मिलियन पाउंड भी मिला लिए जाएं तो आपको इस पूरी टीम में काफी गहराई और ताकत देखने को मिलेगी।