मेनचेस्टर सिटी दरसल उन क्लबों में से है जिसकी सफलता काफी हद तक चेल्सी से प्रेरित है। लेकिन चेल्सी से बेहतर इस टीम ने ये किया कि खिलाड़ियों को खरीदने में इस टीम ने कोई कंजूसी नहीं दिखाई, और इसलिए नतीजे इस टीम के लिए बेहतर साबित हुए। कई विपरीत परिस्थितियों में इस क्लब ने कई महंगे लेकिन अच्छे फैसले लिए और इसलिए जल्द ही ये टीम उन हालातों से निकलने में भी कामयाब रही। एक वक्त था जब सर्जियो एग्वेरो को इस क्लब ने 40 मिलियन पाउंड में खरीदा था और ये इस क्लब की तरफ से किसी खिलाड़ी को दी गई सबसे महंगी रकम थी, और ये बात है साल 2011 की। लेकिन अब उनका नाम सर्वश्रेष्ठ पांच में भी नहीं है और ऐसा मैनुअल पैलीग्रिनी और पेप गार्डिओला के दौर में भी रहा। अभी के दौर में केविन डी ब्रून इस क्लब के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं और बेल्जियम के इस खिलाड़ी को वोल्फबर्ग से 74 मिलियन पाउंड की भारी भरकम रकम देकर खरीदा गया। वहीं रहीम स्टर्लिंग (62.5 मिलियन पाउंड) जॉन स्टोन्स (55.6 मिलियन पाउंड),.लिरॉए शेन (50 मिलियन पाउंड) और निकोलस ओटमेंडी (44.6 मिलियन पाउंड) देकर टीम में लाया गया। ये सभी वो खिलाड़ी थे जिन्हें टीम में लाने के लिए भारी भरकम रकम दी गई थी और इसलिए पिछले साल के मुकाबले इस साल क्लब की कीमत में 78 मिलियन पाउंड का इजाफा देखने को मिला है।