औषधीय जड़ी-बूटियां प्राकृतिक तौर पर शारीरिक समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं। सदियों से ही, शतावरी (Asparagus) के औषधीय गुण अन्य जड़ी-बूटियों से अधिक माने गए हैं। शतावरी झाड़ या बेल से हमें शतावरी की जड़ प्राप्त होती है। यह दिखने में झाड़ीदार होती है। आयुर्वेद इसके फायदों के बारे में हमें बहुत कुछ बताता है। शतावरी में मौजूद गुण हमारे दिनचर्या को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं। यह अनेक शारीरिक समस्याओं के उपचार के रूप में उपयोगी है। इस लेख में शतावरी के उपयोग, फायदे और नुकसान (Shatavari uses, benefits and side-effects) पर प्रकाश डाला गया है।
शतावरी के उपयोग, 3 फायदे और 3 नुकसान
शतावरी के उपयोग : Uses of Shatavari In Hindi
1. शतावरी पाउडर या चूर्ण को सूप, दाल या चाय में ले सकते हैं।
2. शतावरी का उपयोग जूस के रूप में किया जा सकता है।
3. शतावरी की जड़ को उबाल कर, इसका पानी पिया जा सकता है।
4. सलाद में शतावरी का उपयोग किया जा सकता है।
5. शतावरी को भून कर भी खा सकते हैं।
शतावरी के फायदे : Benefits Of Shatavari In Hindi
1. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दें (Boosts Immunity)
शतावरी का उपयोग आयुर्वेद में इम्युनिटी बूस्टर के रूप में किया जाता है। यह शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती है।
2. पाचन में सुधार करे (Improve digestion)
अच्छे स्वास्थ्य के लिए सही पाचन महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में शतावरी का उपयोग फायदेमंद माना जाता है। यह फाइबर में समृद्ध होने के कारण पाचन क्रिया में सुधार कर सकती है।
3. खांसी और बुखार के उपचार में (Treats cough and fever)
घरेलू उपचारों में शतावरी सदियों से उपयोग होती आ रही है। खासकर, खांसी-बुखार के लक्षणों पर इसके सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं। शतावरी में विटामिन C होता है जिससे शरीर को प्रोफिलैक्टिक गुण मिलते हैं और यही गुण खांसी-बुखार में फायदेमंद होते हैं।
शतावरी के नुकसान : Side-effects Of Shatavari In Hindi
1. शतावरी में मौजूद पोटैशियम तत्व के कारण इसका अधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। शरीर में अधिक पोटैशियम से हाइपरकलेमिया हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी व सीने में जलन हो सकती है।
2. शतावरी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बेशक कम होती है लेकिन इसका अधिक सेवन वजन में बढ़ोतरी कर सकता है।
3. शतावरी में कैल्शियम भी मौजूद होता है। खून में अधिक कैल्शियम होने से हाइपरक्लेसेमिया की समस्या हो सकती है, जिससे मतली, उलटी, थकान और दिमाग पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।