गले में खराश की 6 आयुर्वेदिक दवा-Gale Me Kharas Ki 6 Ayurvedic Dawa

गले में खराश की आयुर्वेदिक दवा(फोटो-Sportskeeda hindi)
गले में खराश की आयुर्वेदिक दवा(फोटो-Sportskeeda hindi)

गले में खराश (Sore throat) की समस्या एक आम समस्या है, मौसम बदलने की वजह से या सर्दी-खांसी होने की वजह से गले में खराश की शिकायत अक्सर लोगों को हो जाती है। गले में खराश होने पर गले में हल्की सी सूजन की शिकायत भी हो सकती है, जिसकी वजह से गले में हल्का दर्द बना रहता है। गले मे खराश की शिकायत 3-4 दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन कभी-कभी गले में खराश की समस्या ठीक होने में समय भी लग जाता है। इसलिए अगर आपके भी गले में खराश की शिकायत है, तो आप कुछ आयुर्वेदिक दवाओं को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं गले में खराश की शिकायत होने पर इससे कैसे निजात पाया जा सकता है।

गले में खराश की 6 आयुर्वेदिक दवा

1- गले में खराश की शिकायत होने पर शहद (Honey) और काली मिर्च (black pepper) का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि काली मिर्च और शहद दोनों में एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं, जो गले में खराश की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।

2- मुलेठी (Muleti) का सेवन गले में खराश की शिकायत होने पर काफी लाभदायक साबित होता है। इसलिए अगर आप मुलेठी पाउडर का गुनगुने पानी के साथ सेवन करते हैं, तो गला संबंधित सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

3- गले में खराश की शिकायत होने पर सितोपलादि चूर्ण (Sitopaladi Churna) का सेवन भी काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि सितोपलादि चूर्ण में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं, जो गले में खराश और सूजन दोनों को कम करने में मदद करते हैं।

4- गले में खराश की शिकायत होने पर नमक (Salt) पानी से गरारा करना चाहिए। क्योंकि गरारा करने से गले में खराश की शिकायत दूर होती है। इसके लिए गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक मिला लेना चाहिए। फिर उससे गरारा करना चाहिए।

5- गले में खराश की शिकायत होने पर अदरक के रस (Ginger) और शहद (Honey) का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इन दोनों में एंटी बैक्टीरियल गुण पाये जाते हैं, जो गले में खराश, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं।

6- गले में खराश की शिकायत होने पर तुलसी (Tulsi) के पत्तियों से बने काढ़े का सेवन करना चाहिए। क्योंकि तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर होती है, साथ ही तुलसी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल जैसे गुण पाये जाते हैं, इसलिए अगर आप तुलसी से बने काढे़ का सेवन करते हैं, तो इससे गले में खराश की शिकायत दूर होती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Rakshita Srivastava
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