आपना कई बार अपनी आदतों को बदलने की कोशिश की होगी हो सकता है की आपको इसमें सफलता मिली हो पर एक शोध के अनुसार अकसर लोग अपनी आदतों को बदलने में देर करतें हैं या फिर वो बदलने में खुद को आसमर्थ पाते हैं. मनुष्य एक आदत को अगर अपने ऊपर हावी करले तो फिर ये उसको बर्बाद करने की समर्थता भी रख सकती है। आदत बदलना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको जो सिखाया गया है या जो आप सहज महसूस करते हैं, उसे बदलने में बहुत समय और ऊर्जा लगती है, खासकर यदि आपकी आदत आप कोई एडिक्शन हो. अपनी मानसिक स्थिति में बदलाव लाने और खुश रहने के कई तरीके हैं।
जिनमे से कुछ तरीकों को आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं:-
1. अपने जीवन में कृतज्ञता बनाएं रखें
हम सभी जानते हैं कि कृतज्ञता क्या है, लेकिन इसके बारे में उतनी बात नहीं की जाती जितनी होनी चाहिए। कृतज्ञता किसी भी सफलता की नींव है, और दुनिया की वर्तमान स्थिति के साथ, आपके पास जो कुछ है उसके लिए आप जितने आभारी होंगे, आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। अगली बार जब कोई आपके लिए कुछ अच्छा करे - चाहे वह दयालुता का कार्य हो या केवल मदद के लिए हाथ उधार देना हो - रुकें और उस पर चिंतन करेंऔर उसे शुक्रिया ज़रूर कहें.
2. अपनी खुशी पर ज़ोर दें और उसपर काम करें
इस बात का ये मतलब है की आपको खुशियों की तलाश करनी होगी तो कभी-कभी खुशियाँ आपको तलाश कर लेंगी मगर आपको खुद को खुश और व्यस्त रखना होगा. क्युकी ये आपको भीतरी म्भ पहुचायेगा जो कोई भी और आपको नही दे सकता.
3. अपने आप को सही लोगों के साथ घेरें।
सही लोगों के इर्द-गिर्द रहने से हमे एक अत्यंत ही सकारात्मक उर्जा की प्राप्ति होती है. जो न ही सिर्फ एक सही दिश दिखाती है, बल्कि ये अपने जीवन चक्र को भी मजबूत करती जाती है.
4. पर्याप्त नींद ज़रूर लें
किसी भी कार्य को करने के लिए पहले आपको अन्दर से मजबूत होना होता है और अगर आपकी नींद से ही आप संघर्ष में रहंगे तो आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है. साथ ही आप थका और हारा हुआ महसूस कर सकतें हैं.
5. वर्तमान में रहना शुरू करें
अक्सर लोग अपने भूत या भविष्यकाल में ही खुद को उलझाये रखतें हैं. ये एक बड़ा कारण है की या तो वो भविष्य के घेरे में चिंता में रहते है या भूतकाल की निराशा उन्हें जकड़ी रहती है.
ये एक बड़ी विडंबना तो है, मगर समझदार व्यक्ति वो है जो इसे समझा और अपने वर्तमान में जीने लगा.
6. आपके पास जो है उसकी प्रशंसा करें।
कहते हैं की जो आपके पास है अगर आप उसकी प्रशंसा करते हैं तो भगवान् प्रसन्न होते हैं और आपको उतना ही और भी दिया जाता है इसीलिए ज़रूरी है की हम कृतज्ञ होने के सा- साथ अपने आस पास के सभी लोगों और चीज़ों का मन से धन्यवाद व्यक्त करते रहें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।