पीलिया का 5 आयुर्वेदिक इलाज- Piliya ka Ayurvedic Ilaj

ये है पीलिया का 5 आयुर्वेदिक इलाज
ये है पीलिया का 5 आयुर्वेदिक इलाज

Ayurvedic treatment for Jaundice in hindi: पीलिया एक आम बीमारी है जो लीवर के खराब होने से होती है। जब हम बाहर के भोजन या पानी, गलत खान-पान का सेवन करने लगते हैं तो इसका असर हमारे शरीर पर पड़ता है। पीलिया का भी एक कारण यह है। जब हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स एक निर्धारित समय 120 दिन बाद टूट जाते हैं तो बिलीरुबिन नामक बाई-प्रोडक्ट बनता है। ये लिव से होते हुए मूलमूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन, जब रेड ब्लड सेल्स 120 दिन से पहले टूट जाते हैं तो लिवर में बिलीरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है जिसके चलते पीलिया की समस्या शुरू हो जाती है। पीलिया को कुछ आयुर्वेदिक उपचारों के जरिए ठीक किया जा सकता है।

पीलिया के लक्षण | symptoms of jaundice

पीलिया होने पर हाथ के नाखून या आंखों के सफेद हिस्से पीला हो जाते हैं।

पीली त्वचा और आंखों का सफेद होना

भूख न लगना

कमजोरी

उनींदापन

गहरे रंग का पेशाब और बुखार

पीलिया का 5 आयुर्वेदिक इलाज

एलोवेरा (Aloe vera in jaundice)

पीलिया में एलोवेरा काफी फायदेमंद माना गया है। ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी गुर्दे और लीवर में जमा विषाक्त पदार्थों को डिटॉक्सीफाई करती है। इसके साथ ही पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करता है। एक तरह से एलोवेरा पाचन के लिए टॉनिक का काम करता है। पीलिया की समस्या होने पर एलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए। या फिर पेड़ से निकाल कर इसके गूदे को पानी के साथ पीने से फायदा मिलेगा।

भूमिमालकी (फिलेंथस निरुरी) (landowner jaundice ayurvedic treatment)

भूमिमालकी लीवर के लिए बेहद ही फायदेमंद है। ये पीलिया के सभी लक्षणों में कारगर मानी गई है। इसके गुणों की बात करें तो इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-स्पास्मोडिक गुण होते हैं जो संक्रमण को खत्म कर लीवर को ठीक ढंग से काम करने में मदद करते हैं। पीलिया में किसी डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन किया जा सकता है।

याकृत प्लिहंतक चूर्ण (yakrit plihantak churna for jaundice)

याकृत प्लिहंतक चूर्ण को कालमेघ, कटुकी, भृंगराज, भूमि आंवला आदि लाभकारी जड़ी-बूटियों को मिलाकर तैयार किया गया है। ये लीवर के विकारों के लिए पूर्ण औषधि है। यानी की लीवर से जुड़ी हर समस्या में ये लाभकारी है। यह सूजन को कम करने के साथ ही शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। पीलिया में इसके सेवन से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है।

करेला (Bitter gourd benefits in jaundice)

पीलिया होने पर करेला काफी लाभ पहुंचा सकता है। यह एक तरह से प्राकृतिक क्लींजर की तरह काम करता है जो लीवर से फंक्शन को ठीक से काम करने में मदद करता है। करेला में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिसके चलते शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पीलिया को ये तेजी से ठीक होने में मदद करता है।

चिचिंडा (chichinda se door hogi piliya)

अगर हमारा पाचन तंत्र सही रहेगा तो कई सारी बीमारियां आस-पास भी नहीं भटकेंगी और पीलिया में डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक ढंग से काम करना जरूरी है। पाचन तंत्र जितना मजबूत होगा पीलिया उतनी तेजी से खत्म होती है। चिचिंडा का सेवन करना इसमें लाभकारी माना गया है। चिचिंडा डिटॉक्सीफाई और पाचन तंत्र में सुधार करने में प्रभावी है। इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बेहद ही जरूरी होते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ ही आंतों से कीड़े को निकालने मदद करती है। इसके सेवन से मूत्र मार्ग के जरिए शरीर को विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। जिसके चलते पीलिया में ये काफी उपयोगी मानी गई है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।