पार्किन्सन रोग का 4 आयुर्वेदिक इलाज- parkinson rog ka 4 Ayurvedic ilaj

पार्किन्सन रोग का 4 आयुर्वेदिक इलाज
पार्किन्सन रोग का 4 आयुर्वेदिक इलाज

Ayurvedic treatment for parkinson's disease in hindi: पार्किन्सन डिजीज नर्वस सिस्टम में धीरे-धीरे बढ़ने वाला एक डिसऑर्डर है, जो पूरे शरीर की गतिविधि को प्रभावित करता है। इस रोग में पूरा शरीर हिलता रहता है। इसमें शरीर बाईं से दाईं और दाईं से बाईं ओर लुढ़कता रहता है। जिसे यह समस्या हुई है अगर उसे आंख बंद कर चलने के लिए कहा जाए तो वो दो कदम भी नहीं चल सकेगा। इसके लक्षण कई तरह के होते हैं। इसके इलाज के बारे में बात करें तो आयुर्वेद के जरिए इसे काफी हद तक ठीक किया जा सकता है।

पार्किंसंस रोग समय के साथ धीरे-धीरे शुरू होता है। शुरुआती संकेत मुश्किल से पता चलते हैं। इसके होने पर शरीर का संतुलन या चलने में धीमापन, सोना, सोचना, खाना, बोलना, सूंघना और निर्णय लेना कठिन हो सकता है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, लक्षणों को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है।

पार्किन्सन के लक्षण |Symptoms of Parkinson

कंपकंपी

धीमी गतिविधि

सख्त मांसपेशियां

शरीर की असाधारण मुद्रा और संतुलन

स्वाभाविक गतिविधियों पर विराम

बोली में बदलाव

लिखावट में बदलाव ये सारे कुछ आम लक्षण हैं।

पार्किन्सन रोग का 4 आयुर्वेदिक इलाज

पार्किन्सन रोग में लाभकारी है अमलतास (Amaltas is beneficial in Parkinson's disease)

अमलतास को आयुर्वेद कई सारी समस्याओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल में लेता है। इसका इस्तेमाल पार्किन्सन रोग के इलाज में किया जाता है। इसके लिए 100 से 200 मिलीलीटर अमलतास के पत्तों का रस सुबह-शाम सेवन करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके साथ ही यह भी सलाह दी जाती है कि, इसके रस से पैरों की अच्छी तरह से मालिश करें। इससे भी काफी लाभ होगा।

जटामांसी से ठीक होता है पार्किन्सन रोग (Jatamansi cures Parkinson's disease)

पार्किन्सन की समस्या होने पर रोगी के हाथ-पैर कांपने लगते हैं। वह अनियमित होकर चलता है। इस समस्या को दूर करने के लिए जटामांसी काफी काम आ सकती है। इसके लिए जटामांसी का काढ़ा 2 चम्मच नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिल सकता है।

पार्किन्सन रोग में ज्योतिष्मती के लाभ (Benefits of jyotishmati in Parkinson's disease)

पार्किन्सन की समस्या होने पर ज्योतिष्मती के बीजों का काढ़ा बनाकर पीने से काफी आराम मिलता है। काढ़े के लिए इसके बीजों में 2 से 4 लौंग डालकर 40 मिलीलीटर की मात्रा में नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करने से इस रोग से छुटकारा मिलने से लाभ मिल सकता है।

लहसुन से दूर होता है पार्किन्सन रोग (Parkinson's disease is cured by garlic)

लहसुन में कई सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं को पार्किन्सन की समस्या को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। इससे हाथ-पैर हिलान बंद हो जाता है। लहसुन के तेल के इस्तेमाल से काफी लाभ मिलता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लहसुन की कली को पीस लें और फिर उसे गाय के दूध में मिलाकर नियमित रूप से सेवन करें। इससे शरीर में कंपन की समस्या खत्म होती है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj
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