गदूद का आयुर्वेदिक इलाज- Gadud ka Ayurvedic Ilaj

ये है गदूद का बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज
ये है गदूद का बेहतरीन आयुर्वेदिक इलाज

Ayurvedic treatment for Prostate in hindi: प्रोस्टेट यानी गदूद की समस्या पुरुषों में होती है। 80 साल की उम्र के बाद 90 प्रतिशत लोग प्रोस्टेट कैंसर का शिकार होते हैं। हालांकि, अब 40 साल की भी उम्र में ये समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट की माने तो आमतौर पर प्रोस्टेट का साइज 20 ग्राम होता है, लेकिन कई बार इसका साइज 80 से 100 ग्राम हो जाता है जिसके बाद प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन जाता है। कुछ लक्षणों से इसके होने का पता चल जाता है और शुरुआती समय में आयुर्वेदिक उपचारों के जरिए इसे ठीक भी किया जा सकता है।

गदूद के लक्षण

पेशाब (Urine) करने की आवृत्ति में वृद्धि होना

पेशाब करने जाने पर धार के चालू होने में अनावश्यक देरी होना

तेज पेशाब का अहसास होना लेकिन पेशाब करने पर बूंद-बूंद निकलना या रूक-रूक कर आना

मूत्र त्याग के पश्चात् मूत्राशय में कुछ मूत्र शेष रह जाना। इसी के चलते रोगाणुओं की उत्पत्ति होती है।

पेशाब करने में समस्या होना

अंडकोष (testicles) में लगातार दर्द

मूत्र पर नियंत्रण न रख पाना

रात में बार-बार पेशाब की तलब लगना

मूत्र त्याग के वक्त जलन

गदूद का आयुर्वेदिक इलाज

कचनार

कचनार एक आयुर्वेदिक औषधि है जो प्रोस्टेट के साथ ही शरीर में होने वाली सभी प्रकार की गांठों की सूजन और दर्द को दूर करने में मदद करती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कचनार की छाल का चूर्ण आधे से एक चम्मच या इसकी छाल का काढ़ा 50 मिलीलीटर सुबह-शाम लेने से लाभ मिल सकता है।

पुनर्नवा (Punarnava)

पुनर्नवा आयुर्वेदिक दवा है। ये आपके शरीर में रक्त की वृद्धि करके और रसायन यानी टॉनिक गुणों के कारण शरीर का नव निर्माण करती है जिसके चलते इसे पुनर्नवा कहा जाता है। प्रोस्टेट, मूत्र प्रणाली और शरीर की सूजन को दूर करने में यह जड़ी-बूटी काफी लाभ पहुंचा सकती है।

गोखरू (Gokhru)

आयुर्वेद गोखरू का उपयोग प्रोस्टेट और मूत्र मार्ग के संक्रमण को दूर करने के लिए करता है। इसके जरिए पेशाब खुलकर आता है। यह मूत्राशय की पथरी को टुकड़े-टुकड़े कर पेशाब के रास्ते से बाहर निकाल देता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए गोखरू का काढ़ा 50 मिलीलीटर की मात्रा में लेने से लाभ मिलता है। या फिर गोखरू का 2-3 ग्राम चूर्ण का सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से भी लाभ मिल सकता है।

अलसी के बीज (Flax Seeds)

प्रोस्टेट की समस्या से निजात पाने के लिए अलसी के बीज काफी उपयोगी माने गए हैं। आयुर्वेद अलसी के बीज से इस समस्या का इलाज करता है। इसके लिए अलसी के बीज को मिक्सी में पीसकर पाउडर तैयार कर लें और नियमित रूप से 20 ग्राम पानी के साथ सेवन करने से जल्द आराम मिल सकता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj
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