पेशाब के रास्ते में सिकुड़न का आयुर्वेदिक इलाज- Peshab Ke Raste me sikudan ka Ayurvedic Ilaj

पेशाब के रास्ते में सिकुड़न का आयुर्वेदिक इलाज
पेशाब के रास्ते में सिकुड़न का आयुर्वेदिक इलाज

Ayurvedic treatment for Urethral stricture in hindi: आजकल खराब खानपान के चलते लोगों को कई सारे रोग जल्दी होने की संभावना बढ़ती जा रही है। पहले के समय में कई रोग एक उम्र के बाद होते थे लेकिन, अब तो युवावस्था में ही लोग डॉक्टरों के चक्कर लगाने लगे हैं। कई लोगों को पेशाब से जुड़ी समस्याएं होती हैं जिसमें, मूत्र त्याग करते वक्त रूक-रूक कर पेशाब आता है। ये पेशाब के रास्ते में आई सिकुड़न के चलते होता है। दरअसल, मूत्रमार्ग एक ट्यूब है जो मूत्राशय से मूत्र को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। वैसे तो मूत्रमार्ग चौड़ा होता है, जिससे चलते यूरिन पास होने में कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन जब इसमें सिकुड़न आ जाती है तो पेशाब रूक-रूक कर आने लगती है। इस सिकुड़न को खत्म करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार आपके काम आ सकती हैं।

पेशाब के रास्ते में सिकुड़न का आयुर्वेदिक इलाज

मूत्रमार्ग में आई सिकुड़न को आंवले से करें दूर (Remove the Urethral stricture with amla)

आंवला सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद है। इसमें जो पोषक तत्व पाए जाते हैं वो हमारे शरीर को कई रोगों से बचाते हैं और साथ ही दूर करने में भी मदद करते हैं। पेशाब के रास्ते में सिकुड़न की भी समस्या को आंवला दूर करने में मदद कर सकता है। ये मूत्राशय के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सिकुड़न के साथ ही मूत्रमार्ग संबंधी अन्य समस्याएं भी दूर हो सकती हैं।

पत्थरचट्टा से खत्म होगा मूत्रमार्ग में सिकुड़न (Urethral stricture will end with Patharchatta)

पत्थरचट्टा को आयुर्वेद एक औषधीय पौधा मानता है। इसकी मदद से कई सारी बीमारियों का इलाज किया जाता है। मूत्रमार्ग से भी संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए पत्थरचट्टा का इस्तेमाल किया जाता है। पेशाब के रास्ते में आई सिकुड़न को दूर करने में आंवला काफी लाभकारी है।

पेशाब के रास्ते में सिकुड़न के अन्य इलाज

-पेशाब के रास्ते में सिकुड़न को दूर करने के लिए कुंदरू की जड़ को कांजी में पीसकर गर्म कर नाभि के नीचे लेप लगाने से भी ये समस्या दूर होती है।

-बकरी के मूत्र से भीगी हुई मिट्टी को कलमी शोरा को मिलाकर गर्म कर लेप लगाने से भी ये समस्या दूर होती है।

-पेशाब के रास्ते में आई सिकुड़न को दूर करने के लिए 20 ग्राम ककड़ी के बीजों के चूर्ण में एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर कांजी के साथ पिलाने से भी लाभ मिलता है।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Ritu Raj
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