दूध वाली चाय पीने के फायदे और नुकसान - Doodh Wali Chai Peene Ke Fayde Aur Nuksan

दूध वाली चाय पीने के फायदे और नुकसान (फोटो - sportskeedaहिन्दी)
दूध वाली चाय पीने के फायदे और नुकसान (फोटो - sportskeedaहिन्दी)

चाय यक़ीनन सभी लोग पसंद करते हैं और इसका सेवन सुबह से लेकर रात तक किया जाता है। दूध वाली चाय जिसको हम इंग्लिश में "मिल्क टी" कहते है, दुनिया भर में इसके अनेक दीवाने हैं। कड़क व अच्छी चाय आपके मन को तरोताज़ा कर देती है। सर्दी-जुकाम और थकान होने पर यह दवा का काम भी करती है। लेकिन फायदों के साथ इसके नुकसान भी है। इस लेख के माध्यम से हम दूध वाली चाय के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।

दूध वाली चाय पीने के फायदे और नुकसान - Doodh Wali Chai Peene Ke Fayde Aur Nuksan In Hindi

दूध वाली चाय के फायदे : Benefits Of Milk Tea In Hindi

1- कैल्शियम एक महत्वपूर्ण मिनरल है जो मजबूत हड्डियों और कंकाल प्रणाली के निर्माण के लिए जरूरी है। दूध अवशोषित कैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है जो हड्डियों के घनत्व में सुधार करता है और हड्डियों के फ्रैक्चर और टूटने की संभावना को कम कर सकता है।

2- सूजन से जुड़ी परेशानियों में चाय पीने के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, चाय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को दूर कर सकते हैं। सूजन से जुड़ी समस्याओं जैसे हृदय रोग और मधुमेह का उपचार करने में चाय का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है।

3- दूध की चाय एक एंटी-डिप्रेसेंट का काम करती है जो आपके खराब मूड को दूर भगाती है। दूध में प्रोटीन होता है जो आपकी याददाश्त को बढ़ाने और आपके दिमाग को तेज करने के लिए जाना जाता है। दूध में मौजूद विटामिन D सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ा सकता है, एक हार्मोन जो हमारे मूड को स्थिर करता है।

4- दूध वाली चाय, कम वसा वाले दूध से तैयार होने पर आपकी त्वचा के लिए अच्छा हो सकता है! दूध की चाय में मौजूद आवश्यक वसा आपकी त्वचा को पोषण और एक स्वस्थ चमक दे सकती है। दूध की चाय में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट और पॉलीफेनोल भी होते हैं जो आपकी त्वचा को मुक्त कणों से होने वाली क्षति से बचाते हैं और बढ़ती उम्र के संकेतों जैसे झुर्रियों, महीन रेखाओं आदि को बनने से रोकते हैं।

चाय के नुकसान : Disadavantages Of Milk Tea In Hindi

1. चाय में टेनिन नाम का यौगिक पाया जाता है। यह शरीर में आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को कम कर सकता है। यही कारण है कि भोजन करने के तुरंत बाद चाय पीने से मना किया जाता है।

2. चाय में कैफीन होता है और कैफीन के अधिक सेवन से मस्तिष्क संबंधी रोगों का भी सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मात्रा में चाय का सेवन चिंता, तनाव और बेचैनी को बढ़ा सकती है।

3. चाय कुछ हद तक हृदय रोग में सहायक हो सकती है। इसके बावजूद चाय में मौजूद कैफीन के कारण इसका अधिक सेवन कार्डियोवैस्कुलर (ह्रदय) रोग और अनिद्रा का कारण बन सकता है।

4. अक्सर चाय में कैफीन होता है, जिस वजह से चाय का अधिक सेवन जी मिचलाने की शिकायत पैदा कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान चाय के रूप में अधिक कैफीन का सेवन गर्भपात और जन्म के समय शिशु के कम वजन का कारण बन सकता है।

5. चाय में कैफीन है इसका जिक्र हम इस लेख में पहले भी कर चुके हैं। साथ ही वैज्ञानिक अध्ययन में भी यह साबित हुआ है कि कैफीन पेट में गैस्ट्रिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है, जिससे सीने में जलन महसूस हो सकती है। इसलिए एसिडिटी से जूझ रहे मरीज को चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

Edited by Vineeta Kumar