Benefits of Ganesh Mudra in hindi: हमारे यहां योग और ध्यान की परंपरा प्राचीन समय से ही है। योग और ध्यान के जरिए पहले के समय में कई ऋषि मुनि कई सौ, हजार वर्षों तक जीवित रहते थे। अगर नियमित रूप से योग और ध्यान लगाया जाए तो इंसान जितने दिन जीवित रहेगा स्वस्थ रह सकता है। योग के जरिए हम कई सारी परेशानियों को दूर भगा सकते हैं। योग की एक विशेषता है कि जब हम कोई एक योग का अभ्यास करते हैं तो इसका असर शरीर के किसी एक हिस्से पर नहीं पड़ता बल्कि, कई अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। आज हम बात करेंगे गणेण मुद्रा के बारे में जिसके, कई सारे फायदे हैं।
योग हस्त मुद्राओं में गणेश मुद्रा को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसके जरिए कई तरह के शारीरिक व मानसिक लाभ मिलते हैं। इससे शरीर के अंदर ऊर्जा प्रवाह होता है। साथ ही चेहरे की चमक और पाचन तंत्र सही बना रहता है।
गणेश मुद्रा के लाभ
-गणेश मुद्रा और गणेश नमस्कार की मदद से सीखने की क्षमता बढ़ती है।
-गणेश मुद्रा से स्मरण शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है।
-मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
-पाचन तंत्र के लिए बेहद ही फायदेमंद है।
-पेट की समस्याओं के लिए गणेश मुद्रा काफी लाभकारी माना गया है।
-गणेश मुद्रा से ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है।
-गणेश मुद्रा से डाउन सिंड्रोम, डिस्लेक्सिया, अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर से भी छुटकारा मिल सकता है।
-मानसिक विकारों को दूर करे।
-चिंता और तनाव से राहत मिलेगा।
कैसे करें गणेश मुद्रा (know How to do Ganesh Mudra)
-इस मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले सुखासन या पद्मासन जैसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं।
-फिर अंजलि मुद्रा बनाने के लिए अपनी हथेलियों को एक साथ लाएं।
-बाएं हाथ को छाती के सामने पकड़ें, हथेली बाहर की ओर हो और अपनी उंगलियों को मोड़ लें।
-बाएं हाथ को दाहिने हाथ से पकड़ लें और इस दौरान हथेली अंदर की ओर होनी चाहिए।
-दोनों हाथ की उंगलियों को आपस में पकड़कर लॉक कर रखे।
-सांस लेते हुए और छोड़ते हुए हाथों को बिना पकड़े खींच लें।
-इसे कम से कम 6 बार दोहराएं और यही दूसरे हाथ से भी करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।