पहले के समय में जब हॉस्पिटल नहीं थे और डॉक्टर नहीं थे तो आयुर्वेद के जरिए लोगों का इलाज किया जाता था। आज भी बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज सिर्फ आयुर्वेद से संभव है। आयुर्वेद कई ऐसी जड़ी बूटियों का उपयोग करता है जो हमारे शरीर को कोई एक फायदा नहीं बल्कि कई सारे फायदे पहुंचाते हैं। और उन्हीं में से एक है प्रभाकर वटी जो शरीर को कई तरह के रोगों से बचाती है। आइए जानते हैं इसके क्या क्या फायदे हैं।
आयुर्वेद के अनुसार नींद न आने की परेशानी, शारीरिक कमजोरी आदि के इलाज में प्रभाकर वटी से लाभ मिलता है। इसके साथ ही लिवर रोग, ह्रदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर आदि में भी प्रभाकर वटी लाभकार है। यह औषधि हृदय तथा फेफड़े सम्बन्धी रोगों के उपचार की अति उत्तम दवा है। इससे हृदय और फेफड़ों को बल मिलता है।
प्रभाकर वटी के फायदे- Prabhakar Vati ke fayde
हृदय संबंधी रोग
हृदय संबंधी विभिन्न रोगों जैसे कि हृदय की धड़कनों का अनियमित होना, थोड़ा मेहनत करते ही सांस फूलने की समस्या आदि में प्रभाकर वटी का सेवन फायदा देता है।
लिवर बढ़ने पर
प्रभाकर वटी ऐसी औषधि है जो कई तरह से शरीर को फायदे पहुंचती है। लिवर का आकार बढ़ जाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। ऐसे में प्रभाकर वटी काफी लाभकारी होती है।
नींद ना आने की परेशानी
अगर आपको नींद नहीं आती है काफी रात हो जाने के बाद भी बिस्तर पर करवटें बदलते रहते हैं तो ऐसे में प्रभाकर वटी का इस्तेमाल आपके लिए काफी फायदेमंद होगा। हालांकि, इसके लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर पूछ लें।
हाई ब्लड प्रेशर
आज के समय में जिस तरह से लाइफस्टाइल है उसमें कई बीमारियां आम होती जा रही हैं जिसमें से एक है ब्लड प्रेशर की समस्या। अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो वो प्रभाकर वटी का उपयोग करें। यह उच्च रक्तचाप को कम करने का काम करती है।
आंखों के लिए लाभकारी
आंखों के रोग जैसे, आंखों का लाल होना और अन्य रोग में भी प्रभाकर वटी का उपयोग करना फायदेमंद होता है। इसके साथ ही खून की कमी को भी दूर करती है।
पीलिया और डायबिटीज
पीलिया होने पर प्रभाकर वटी का इस्तेमाल करने से काफी राहत मिलता है। इसके साथ ही आज के समय में डायबिटीज की समस्या बढ़ती जा रही है। आप इसका इस्तेमाल कर डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। प्रभाकर वटी के फायदे सिर्फ यहीं खत्म नहीं हो जाते इसके अनेकों और भी फायदे हैं। हालांकि, इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर ले लें।