आसन के बारे में
इस आसन का नाम चक्रासन इसलिए है क्योंकि इसके खत्म होते समय तक आपका शरीर एक अर्ध चक्र के रूप में आ
चुका होता है। इसको कई लोग उम्र के बढ़ते प्रभाव को कम करने वाला कहते हैं। अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो
कोई नहीं कह सकता है लेकिन सेहत के लिए ये लाभकारी है और इसमें कोई दोराय नहीं है। ये एक साथ आपके शरीर की
कई मांसपेशियों, नसों एवं अंगों पर काम करता है जिसकी वजह से इस योगासन को काफी पसंद किया जाता है।
चक्रासन से पहले करें ये आसन
चक्रासन को करने से पहले आपको अपने शरीर को एक रूप में या फिर रिदम में लाना होता है। शरीर चूँकि कई प्रकार के
बदलावों को देखता है तो ऐसे में वो काफी स्टिफ हो जाता है। इसकी वजह से आपको परेशानी का सामना करना पड़ता
है। अगर आप चक्रासन करने वाले हैं तो उससे पहले अर्ध चक्रासन, मर्जरीआसन और बिटिलासन को कर लें। अगर
आपको लगे कि शरीर को और फ्लेक्सिबल बनाना है तो आप धनुरासन कर सकते हैं।
चक्रासन को करने का नियम वर तरीका
इस आसन को करने से पहले आप शवासन में लेट जाएं। अब अपने पैरों को कूल्हे के पास लाएं और हाथों को कंधे के पास
ले आएं। इस अवस्था में आने के बाद अपनी हथेलियों के सहारे ऊपर उठने का प्रयास करें लेकिन आपके पैर अब भी
जमीन पर ही होने चाहिए। इस स्थिति में आपका शरीर एक अर्ध चक्र का रूप ले चुका होगा। आप इस आसन को कुछ
वक्त के लिए करने के बाद दोबारा से नार्मल अवस्था में आ सकते हैं। इस आसन को कम से कम दस बार जरूर करें।
चक्रासन के बाद कौन सा आसन करें
चक्रासन के बाद आप मतस्यासन कर सकते हैं। चक्रासन एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण आसन है और उसके तुरंत बाद
मतस्यासन करने से आपको अपने शरीर में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिलेगा। पेट, फेफड़ा, हाथ, पैर और खुद
गर्दन पर इसका अच्छा प्रभाव होता है और मतस्यासन इसको और बेहतर कर देता है।
चक्रासन से होने वाले लाभ
चक्रासन शरीर में ऊर्जा और गर्मी को बढ़ाता है। इससे आपके कंधों, रीढ़ की हड्डी, और पेट को काफी आराम मिलेगा। ये
आपकी छाती में हुए बदलाव या उसकी ग्रोथ में आई रुकावट को ठीक करने में सक्षम है। ऐसे कई लोग हैं जो जिम करना
चाहते हैं लेकिन उनकी गलती के कारण वो इसे नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन्हें अपनी छाती छोटी लगती है। इस अवस्था
को खत्म करने का काम चक्रासन करता है जो कंधों को मजबूत और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मददगार है
चक्रासन को ना करें ये लोग
अगर आपको कमर के हिस्से में, पीठ में या फिर कंधों में कोई भी दिक्कत हो तो इस आसन को ना करें। यदि आप प्रेग्नेंट हैं
तो भी आपको ये आसन नहीं करना चाहिए। अगर किसी वजह से आप इस आसन को करना ही चाहती हैं तो किसी
एक्सपर्ट की देख रेख में ही ऐसा करें। ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये योगासन
आपको कष्ट दे सकता है।