जैसे ही बरसात का मौसम आता है, इसके साथ ही डेंगू-मलेरियामें जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। डेंगू और मलेरिया बुखार होने पर मरीज के शरीर में तेज दर्द, तापमान बढ़ना, बेचैनी जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में आप डेंगू और मलेरिया के बुखार में आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो बहुत फायदेमंद माना जाता है। वहीं, डेंगू-मलेरिया के बुखार में चिरायता का सेवन भी बहुत फायदेमंद होता है। तो चलिए जानते हैं डेंगू-मलेरिया में चिरायता के फायदे।
डेंगू-मलेरिया के लक्षण- Dengue-Malaria Ke Lakshan in Hindi
डैंगू के लक्षण -
1 . सिर में तेज दर्द होना
2 . बुखार आना
3 . आंखों में दर्द होना
4 . रैशेज की समस्या होना
5 . जोड़ों में तेज दर्द होना
6 . हड्डी या मसल्स पेन होना
7 . जी मिचलाना या उल्टी की समस्या होना
मलेरिया के लक्षण -
1 . सिर में तेज दर्द होना
2 . उल्टी होना या जी मचलना
3 . हाथ पैरों खासकर जोड़ों में दर्द होना
4 . कमजोरी और थकान महसून होना
5 . शरीर में खून की कमी होना
6 . आंखों की पुतलियों का रंग पीला होना
7 . पसीना निकलने पर बुखार कम होना
8 . तेज बुखार सहित फ्लू जैसे कई लक्षण सामने आना
डेंगू-मलेरिया में कैसे करें चिरायता का इस्तेमाल?
1. चिरायता का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले बराबर मात्रा में चिरायता और हरी धनिया के पत्तों लें। अब इन्हें साफ पानी में डालकर अच्छी तरह से उबालें। इसके बाद इसे अच्छी तरह से उबालें और फिर पिएं।
2. चिरायता का काढ़ा बनाने के लिए आप सबसे पहले चिरायता, पित्तपापड़ा, गुडूची और नागरमोथा को बराबर मात्रा में लेकर साफ पानी में अच्छी तरह उबालें। इसके बाद इस पानी का सेवन करें, बुखार तुरंत कम होता है।
डेंगू-मलेरिया में चिरायता के फायदे - Dengue -Malaria Me Chirata Ke Fayde In Hindi
डेंगू-मलेरिया बुखार में चिरायता बहुत फायदेमंद होता हैं। बुखार उतारने और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप चिरायता के काढ़े का सेवन कर सकते हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।