डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जो आजीवन रहती है। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। हर व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन (Insulin) का बनना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि यह रक्त से शरीर की कोशिकाओं में ग्लूकोज़ का संचार करता है। इसीलिए, जब इंसुलिन सही मात्रा में नहीं बन पाता तो डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के बॉडी मेटाबॉलिज्म (Body Metabolism) पर भी इसका प्रभाव डालता है। तो चलिए जानते हैं डायबिटीज के लक्षण और उपाय।
डायबिटीज के कारण क्या हैं ?
जब व्यक्ति का शरीर सही तरीके से रक्त यानि खून में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता है। तब, व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है। आमतौर पर डायबिटीज के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं -
1 . शरीर में इंसुलिन की कमी होने की वजह से
2 . परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज़ की समस्या पहले से हो
3 . बढ़ती उम्र के कारण
4 . शरार में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल की वजह से
5 . एक्सरसाइज ना करने की आदत
6 . हार्मोन्स का असंतुलन के कारण
7 . हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
8 . खान-पान की ग़लत आदतें
डायबिटीज़ के लक्षण क्या हैं ?
ज्यादातर मामलों में अगर कोई व्यक्ति प्री डायबिटीज या टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित हो तो, ऐसी समस्या की शुरूआत में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन, टाइप-1 डायबिटीज के मरीज़ों में डायबिटीज़ लक्षण बहुत तेजी से दिखने लगते हैं और ये काफी गंभीर भी होते हैं। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण ये हैं-
1 . व्यक्ति को बहुत अधिक प्यास लगने लगती है।
2 . बार-बार पेशाब आता है।
3 . सामान्य से अधिक भूख बहुत लगने लगती है।
4 . अचानक से शरीर का वजह कम हो जाना या बढ़ जाना
5 . हमेशा शरीर में थकान रहना।
6 . चिड़चिड़ापन
7 . आंखों के आगे धुंधलापन आ जाना
8 . घाव भरने में बहुत अधिक समय लगना
9 . स्किन इंफेक्शन होना
10 . ओरल इंफेक्शन्स होना
11 .वजाइनल इंफेक्शन्स होना
डायबिटीज से बचाव के उपाय क्या हैं
1 . डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को कम मीठा खाना चाहिए। शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से बचें।
2 . व्यक्ति को हमेशा एक्टिव रहना चाहिए, एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाएं।
3 . पानी ज़्यादा पीएं। मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें। आइसक्रीम, कैंडीज़ खाने से भी परहेज करें।
4 . वजन नियंत्रण में रखें।
5 . विटामिन डी की कमी ना होने दें। क्योंकि, विटामिन डी की कमी से डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।