भाग-दौड़ भरी जिंदगी में एक्सरसाइज करना और समय पर खान-पान करना तो लगता है लोग भूल ही गए हैं। आज हम अपने कामों में इतने बिजी हो गए हैं कि सबसे जरूरी चीज "समय पर भोजन और कसरत" करना ही छोड़ दिए हैं। इसके चलते आने वाले समय में कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है और तब पछतावा होता है कि 'काश समय पर भोजन और एक्सरसाइज कर लिया होता तो अस्पताल का मुंह नहीं देखना पड़ता'। लोगों में कई बीमारियों के साथ एक समस्या आम बनती जा रही है वो है मोटापा। सड़क पर चलते हम हर दूसरे आदमी की निकली हुई तोंद देख सकते हैं। आपको यकीन नहीं होगा कि दुनिया की 76 प्रतिशत आबादी मोटापे की समस्या से परेशान है।
दुनिया की 76 प्रतिशत आबादी मोटापे से परेशान | world troubled by obesity
-5.5 अरब लोग मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं।
-3.4 अरब लोग काफी अधिक मोटापे से ग्रस्त हैं।
-49 फीसदी आबादी काफी अधिक मोटापे से पीड़ित है।
-09 से 10 फीसदी आबादी कम वसा वाली हो सकती है।
-14 फीसदी आबादी के शरीर में वसा का सामान्य स्तर है।
मोटापे की समस्या (The problem of obesity is getting serious)
एक शोध की मानें तो, दुनिया की तीन चौथाई से भी अधिक आबादी मोटापे का शिकार है। यह समस्या धीरे-धीरे गंभीर रूप लेती जा रही है। इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। दुनियाभर में लगभग 5.5 अरब लोग मोटापे से पीड़ित हैं। दुनिया की कुल आबादी 7.4 अरब है। इस हिसाब से मोटापे से पीड़ित लोगों की तादाद कुल वैश्विक आबादी का लगभग 76 फीसदी ठहरता है। इस समस्या की विकरालता को देखते हुए शोधकर्ताओं ने जटिल और पाचन संबंधी गंभीर बीमारियों के खिलाफ वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों में बदलाव करने की अपील की है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि, जरूरत से ज्यादा वसा को भी मोटापे के दायरे में रखकर देखा है। इसका स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। उन्होंने मौजूदा आंकड़ों का विश्लेषण करने पर देखा कि एक ओर अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या बढ़ी है। जबकि, दूसरी कई लोग वसा की अधिकता की चपेट में हैं, जिनमें सामान्य वजन वाले लोग भी शामिल हैं।
मोटापे के कारण कई बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा (Obesity increases the risk of many diseases)
ऑस्ट्रेलिया के 'मैफ फिटनेस' के सीईओ और मुख्य शोधकर्ता फिलिप मैफेटोन ने कहा कि मोटापे के इस विकराल रूप ने व्यायाम करने वाले और खेलों में काफी अच्छे लोगों को भी नहीं छोड़ा है। इस शोध में न्यूजीलैंड की ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता भी शामिल हैं। मैफेटोन ने कहा कि मोटापे की इस श्रेणी में सामान्य वजन के लोग भी शामिल हैं। इससे जटिल बीमारियों के लिए खतरा और बढ़ गया है। इसके साथ ही यह खतरा ज्यादा मोटे लोगों के साथ-साथ उनके लिए भी है जिनको सामान्य वजन का समझा जाता है।
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