इबोला (Ebola) एक जानलेवा बीमारी (life-threatening illness) है। इबोला इंफेक्शन की वजह से लगभग 90% लोगों की मौत हो जाती है। अफ्रीका में पहली बार इबोला से पीड़ित मरीज का पता चला था। वर्ष 1976 में सूडान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में पहली बार इस रोग के लक्षण देखने को मिले थे। इबोला की पहले रिपोर्ट नाइजीरिया, सेनेगल, स्पेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, माली, यूनाइटेड किंगडम, इटली जैसे देशो में की गयी है। कहा जाता है कि इबोला नदी के पास के गांव में इस रोग के लक्षण नजर आने के कारण इसका नाम इबोला पड़ा। इबोला हेमोरैजिक बुखार के नाम से भी जाना जाता है।
इबोला वायरस की वजह से होने वाली बीमारी है। इसके 6 अलग-अलग प्रकार हैं, जिसमें से 4 ऐसे वायरस हैं जिससे लोग पीड़ित हो सकते हैं। जब इबोला वायरस शरीर में प्रवेश करता है, तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली यानी हमारे इम्यून सिस्टम और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। ब्लड क्लॉट बनाने वाली कोशिकाएं कम होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में किसी कारण से अगर ब्लीडिंग शुरू हो जाए, तो फिर रुक नहीं पाती है। इबोला के लक्षण समझ आने पर तुरंत डॉक्टर से संर्पक करें। इस लेख से आप इबोला के लक्षण और घरेलू उपचार की जानकारी दी गयी है।
क्या है इबोला वायरस? जानिए इसके लक्षण और घरेलू उपचार : Ebola Virus Symptoms And Home Remedies In Hindi
इबोला के लक्षण : Ebola Ke Lakshan (Symptoms) In Hindi
- कमजोरी के साथ फ्लू इबोला का मुख्य लक्षण है।
- नाक, कान, मुंह से खून निकलना भी इबोला के मुख्य लक्षण हैं।
- पेट में दर्द के साथ उल्टी होना भी इबोला वायरस का लक्षण हो सकता है।
- इबोला वायरस का संक्रमण होने पर शरीर के कई अंगों में एक साथ दर्द हो सकता है।
- कई बार इबोला वायरस डिजीज में शरीर में फुंसी निकलने लगती हैं।
कैसे फेल सकता है इबोला (How Ebola can spread?)
इबोला उतनी आसानी से नहीं फैलता जितना कि सर्दी, फ्लू या खसरा जैसी सामान्य बीमारियां। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इबोला का कारण बनने वाला वायरस हवा या पानी से फैलता है। एक व्यक्ति जिसे इबोला है, वह तब तक बीमारी नहीं फैला सकता जब तक लक्षण प्रकट न हों।इबोला केवल मनुष्यों के बीच संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क से फैल सकता है, जिसमें मूत्र, लार, पसीना, मल, उल्टी, स्तन का दूध और वीर्य शामिल हैं, लेकिन यह इन्हीं तक सीमित नहीं है। वायरस त्वचा में एक ब्रेक के माध्यम से या आंख, नाक और मुंह सहित श्लेष्मा झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है।
इबोला किसी बीमार व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने वाली किसी भी सतह, वस्तु और सामग्री के संपर्क में आने से भी फैल सकता है, जैसे: बिस्तर, कपड़े, बैंडेज, सुई और सीरिंज या चिकित्सकीय संसाधन आदि।
इबोला का घरेलू उपचार : Ebola Ka Gharelu Upchar (Home remedies) In Hindi
1. जैसा की आप जानते हैं कि इबोला वायरस एक संक्रामक वायरस है। इसलिए इबोला के संक्रमण से बचने के लिए किसी भी संक्रमण से बचकर रहें। खाने-पीने के साथ-साथ लोगों के संपर्क में आने पर विशेष तौर पर ध्यान रखें। निम्नलिखित उपायों को जरूर अपनाएं।
2. जो इबोला के संक्रमण में हो उससे न मिलें।
3. संक्रमित इंसान का इलाज अगर आपको कराना है, तो उसके शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ जैसे खून, लार, मल-मूत्र के संपर्क में आने से बचें।
4. इसके अलावा इबोला वायरस के संक्रमण वाले जानवरों का मांस खाने से बचें।
5. जानवरों के जुठे खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।